कृषि मंत्री शिवराज के जिले में क्यों गाए जा रहे ‘मोदी भजन’

भोपार। आमतौर पर विरोध प्रदर्शनों में नारे, तख्तियां और रैलियां देखने को मिलती हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में किसानों ने एक ऐसा अनोखा तरीका अपनाया है जो न सिर्फ लोगों का ध्यान खींच रहा है बल्कि सरकार को भी सोचने पर मजबूर कर रहा है। राजधानी भोपाल से सटे सीहोर जिले में जो खुद कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है, किसान अपनी फसल बीमा की मांगों को लेकर पिछले चार दिनों से अनोखा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वे नारेबाजी नहीं, बल्कि ढोलक और मंजीरे की थाप पर ‘मोदी भजन’ गाकर अपनी पीड़ा जाहिर कर रहे हैं।
यह विरोध इस बात का प्रतीक है कि जब पारंपरिक तरीके काम नहीं करते तो लोग कैसे रचनात्मक हो सकते हैं। किसान नेता एमएस मेवाड़ा बताते हैं कि यह भजन बीमा कंपनियों के खिलाफ उनके गुस्से को दर्शाता है, जो केवल किसानों से प्रीमियम लेती हैं, लेकिन जब नुकसान होता है तो उन्हें झुनझुना थमा देती हैं।
फसल बर्बाद, लेकिन मुआवजा गायब
किसानों का कहना है कि पिछले पांच सालों से लगातार फसलें खराब हो रही हैं, लेकिन उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला। कई किसानों को तो महज 100 से 1000 रुपये का मुआवजा मिला है, जिसे वे ऊंट के मुंह में जीरा बताते हैं। इसी हताशा में उन्होंने नदी में जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है और बीमा कंपनी की प्रतीकात्मक अर्थी निकालकर उसे नदी में जल समाधि दे दी है। किसानों का कहना है कि सरकार पिछले पांच सालों का पूरा बीमा क्लेम दे या फिर बीमा प्रीमियम काटना बंद करे। किसानों ने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, यह आंदोलन जारी रहेगा।



