केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. इस बीच मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि पंजाब का गेहूं इतना घटिया किस्म का है कि कोई खरीदने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि पंजाब के नाम की कोई रोटी नहीं खाता, क्योंकि पेस्टीसाइड की वजह से वहां की मिट्टी जहरीली है और इसलिए वहां का गेहूं जहरीला है.
इसके अलावा कहा कि अगर समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं होगी तो उनके गेहूं को कोई नहीं पूछेगा. इससे पहले चार फरवरी को कमल पटेल ने केन्द्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों और इस आंदोलन को कथित तौर पर हवा दे रहे राजनीतिक संगठनों को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना के लिए हरदा जिले के हंडिया में नर्मदा नदी के तट पर एक दिन का उपवास रखा था.
इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार ने किसानों की तकदीर एवं तस्वीर बदलने के लिए तथा खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए ये कानून बनाए. ये कानून किसानों के हित में हैं और इन कानून से साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल किसानों को गुमराह कर रहे हैं, क्योंकि वो नहीं चाहते हैं कि किसानों की आय बढ़े.
उन्होंने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से हाथ जोड़कर आंदोलन वापस लेने की अपील भी की. उन्होंने कहा कि ये आंदोलन समाप्त होना चाहिए ताकि किसानों को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाया जा सके. साथ ही कहा कि देश तरक्की की राह पर है, इसे चलने देना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने किसान संगठनों और इस आंदोलन को सर्थन दे रहे राजनीतिक संगठनों से हाथ जोड़कर आंदोलन वापस लेने की अपील भी की