सीहोर। जिले के शाहंगज थाने के तहत 15 जनवरी को जब आवकारी अमला अवैध शराब कारोबारियों पर अंकुश लगाने के लिए नर्मदा तट पर पहुंचा तो एक युवक ने कार्रवाई से बचने नर्मदा नदी में छलांग लगा दी थी, जिसका तीन दिन बाद शव मिला था। घटना को बीस दिन हो गए हैं, लेकिन मामले में पुलिस की जांच कछुआ चाल से चल रही है। जबकि मृतक के परिजनों ने शाहगंज थाने में आवेदन देकर गंभीर आरोप आबकारी अमले पर लगाए थे।
गौरतलब है कि 15 जनवरी को थाने के ग्राम मडावन में आबकारी टीम ने कार्रवाई की थी। इस दौरान तीन युवक गोलू, महेश और राजू को देशी शराब के साथ पकड़ा था, जिसमें से गोलू और महेश की नदी में कूद गए थे, वहीं राजू को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें गोलू नदी पार कर बाबई चला गया, तो वहीं दूसरी ओर महेश का चार दिन बाद शव मिला था। घटना को 20 दिन बीत चुके हैं, लेकिन जांच धीमी गति से होने के चलते अब पुलिस पर उंगलिया उठने लगी हैं और पूरा मामला संदेह के घेरे में आ गया है। क्योंकि परिजनों ने ग्रामीणों के साथ शाहगंज थाने में पहुंचकर एक लिखित आवेदन देते हुए गंभीर आरोप लगाए थे। 15 जनवरी को की गई कार्रवाई में आबकारी दल में सहायक आबकारी अधिकारी अमिताभ जैन, एसआई पीएस मीना, एसआई शारदा करोलिया, सिपाही वैभव नागवंशी, विजय शर्मा, प्रियवंदना त्रिपाठी, मुकेश और नरेश शामिल थे।
परिजनों ने उठाई थी मांग
आबकारी विभाग की इस कार्रवाई में मृतक महेश के पिता पूरनलाल कीर ने आरोप लगाया था कि उसके बेटे की मौत संदिग्ध है। मामले की पूरी जांच होने चाहिए, लेकिन घटना के 20 दिन बाद भी पुलिस की जांच धीमी गति से चल रही है। अब युवक की मौत कैसे हुई इसका खुलासा तो पुलिस की जांच पूृरी होने के बाद ही होगा। हालांकि जिला आबकारी अधिकरी कीर्ति दुबे का कहना है कि कलेक्टर, एसपी को लिखित प्रतिवेदन देकर निष्पक्ष जांच की मांग की।
लिए है सबके कथन
मामले में शाहगंज टीआई नरेंद्र कुलस्ते कहते हैं कि आबकारी टीम के कथन लिए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के भी बयान लिए हैं। मामले में जांच चल रही है।