बुजुर्गों को ‘कचरा’ समझने वालों पर आग बबूला हुए CM शिवराज, नगर निगम उपायुक्त को हटाने के दिए निर्देश

भोपाल: इंदौर में नगर-निगम के कर्मचारियों द्वारा बजुर्गों को कचरा गाड़ी में भरकर क्षिप्रा नदी के किनारे छोड़ने के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज ने कड़ी नाराजगी जताई है. सीएम ने संज्ञान लेते हुए नगर निगम उपायुक्त प्रताप सोलंकी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए हैं. घटना के समय मौजूद नगर निगम के दो कर्मचारियों को भी बर्खास्त करने को कहा है.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बुजुर्गों के प्रति अमानवीय व्यवहार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने इंदौर कलेक्टर को बुजुर्गों की समुचित देखभाल करने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी नाराजगी जताते हुए एक ट्वीट किया है, जिसमें भूपेंद्र सिंह ने आयुक्त इंदौर नगर निगम को दोषी अधिकारी /कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए.
 
क्या है मामला
इंदौर नगर-निगम के कर्मचारियों ने शहर के बेसहारा बुजुर्गों को एक कचरा गाड़ी में भरकर उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे छोड़ दिया. जब स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया तो नगर निगम कर्मचारी बुजुर्गों को गाड़ी में वापस भरकर ले गए. इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ है.
स्थानीय युवक ने बताया कि इंदौर नगर-निगम के कर्मचारी इन बुजुर्गों को क्षिप्रा के किनारे छोड़कर भागने वाले थे. बुजुर्गों को इस तरह बैठाया गया था जैसे वे कोई जानवर हों. जब स्थानीय लोगों ने कहा कि इन बुजुर्गों को इस तरह से यहां नहीं छोड़ना चाहिए और निगम कर्मचारियों का विरोध किया और वीडियो बनाना शुरू किया, तो उन्होंने आनन-फानन में बुजुर्गों को फिर से कचरा गाड़ी में बैठाया और वापस लेकर इंदौर चले गए. 
युवक ने बताया इंदौर नगर निगम के तीन कर्मचारी जिस गाड़ी में भरकर बुजुर्गों को क्षिप्रा के किनारे छोड़ने आए थे, उस गाड़ी का नंबर MPF-7622 था. जब उनसे यह पूछा गया कि इन बुजुर्गों को इंदौर में कहा से उठाया गया है तो इसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और भाग निकले. 
बुजुर्गों को एक-दूसरे के ऊपर लादकर बिठाया गया 
युवक ने बताया कि नगर-निगम के कर्मचारियों ने करीब 15 से 20 बुजुर्गों को गाड़ी में एक-दूसरे के ऊपर लादकर बिठाया था. इनमे से कई लागों की हालत तो इतनी खराब थी की वे ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे. निगम कर्मचारियों ने उन्हें गाड़ी से उठाकर नीचे बिठा दिया था. हालांकि विरोध के बाद स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें फिर से गाड़ी में बिठाया गया और वापस इंदौर भेजा गया है. 

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