1 और 2 =13 : रणनीति तय, सहकारी नेता संभालेंगे शहर, दोनों भाईयों पर गांव का जिम्मा

सीहोर. तीन महीने बाद होने जा रहे सीहोर विधानसभा के चुनाव काफी कशमकश भरे होंगे. कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी प्रत्याशी के सामने इस बार संभवत: सहकारी नेता रमेश सक्सेना के पुत्र शशांक सक्सेना ही प्रत्याशी हो सकते हैं. राजनीति के जानकारों की मानें तो सहकारी नेता रमेश सक्सेना ने चुनावों को लेकर रणनीति भी बना ली है. बताया जा रहा है कि इस बार के विधानसभा चुनावों में शशांक सक्सेना अपने बड़े भाई देवेन्द्र सक्सेना के साथ गांवों का जिम्मा संभालेंगे, जबकि सहकारी नेता रमेश सक्सेना शहर में ही बने रहेंगे. राजनीति के जानकारों का मानना है कि सीहोर विधानसभा का भविष्य गांव ही तय करते आए हैं. सीहोर विधानसभा की जितनी आबादी शहर में बसती है उतनी ही आबादी गांव में भी बसती है. कुल मिलाकर सीहोर विधानसभा के गांवों का झुकाव जिस ओर होगा, सीहोर का विधायक भी वहीं बनेगा.

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