नेहा को मिला न्याय

इम्होटेप अस्पताल का लाइसेंस निरस्त

सीहोर. अंतत: सीहोर जिले के नसरुल्लागंज की मृतिका नेहा व उनके परिजनों को दो महीने बाद न्याय मिल गया है. स्वास्थ्य विभाग ने नसरुल्लागंज के निजी इम्होटेप अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है साथ ही अस्पताल प्रबंधन को एक सप्ताह का समय दिया है कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को अन्य जगह शिफ्ट किया जाए.
बता दें अब से दो महीने पहले प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने नेहा को नसरुल्लागंज के इम्होटेप अस्पताल में भर्ती किया था. इलाज में लापरवाही बरतने की वजह से नेहा की हालत गंभीर हो गई थी और गंभीर स्थिति में ही अस्पताल प्रबंधन ने आनन फानन में प्रसूता नेहा को राजधानी भोपाल के लिए रेफर कर दिया था, जहां नेहा की मौत हो गई थी. इस मामले में प्रसूता की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए इंदौर-भोपाल हाईवे पर धरना दिया था. प्रशासन की समझाईश व कार्रवाई का आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ था. प्रशासन की पांच सदस्यीय टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया था, इस टीम को इम्होटेप अस्पताल में 11 खामियां मिली थी, जिसके बाद जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है.
सीएमएचओ कार्यालय से जारी निर्देश
कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला से आदेश क्रमांक/नर्सिंग होम/2022-23/530 दिनांक 18 जनवरी 2023 जारी कर बताया गया कि डॉ. शुभांकर बर्मन इम्होटेप हॉस्पिटल राला, नसरुल्लागंज. आदेश में लिखा कि जिला स्तरीय निरीक्षण समिति डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला सीहोर सक्षम अधिकारी, डॉ. डी. बड़ोदिया विकासखंड चिकित्सा अधिकारी नसरुल्लागंज सदस्य, डॉ. मनीष सारस्वत चिकित्सा अधिकारी सदस्य द्वारा नर्सिंग होम अधिनियम 1973 तथा मप्र उपचार गृह तथा रोजोउपचार गृह संबंधी स्थापनायें के तहत इम्होटेप नर्सिंग होम, राला नसरुल्लागंज का तीन दिसंबर 2022 को दोपहर 12.30 बजे औचक निरीक्षक किया गया.
मिली थी यह 11 खामियां

  1. अस्पताल के मुख्य द्वार पर रैंप मापदण्ड अनुसार अत्याधिक ऊंचाई पर पाई गई.
  2. अस्पताल के आईसीयू पहुंच मार्ग सामान्य मार्ग की तरह उपयोग किया जा रहा है, जिससे आईसीयू में भर्ती मरीजों में संक्रमण फैलाने की संभावना अधिक है.
  3. निरीक्षण समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान अस्पताल में संचालित जनरल वार्ड, महिला वार्ड, प्रायवेट वार्ड मापदण्ड के अनुरुप हवादार नहीं है.
  4. लेबर ओ.टी. निरीक्षण के दौरान पाया कि लेबर ओटी हेतु नियम 160 वर्ग फीट का होना आवश्यक है किन्तु आपके अस्पताल में लेबर ओटी 120 वर्ग फीट में संचालित है.
  5. बायो मेडिकल बेस्ट के डस्टबिन के ऊपर बायो मेडिकल बेस्ट निष्पादन के प्रोटोकॉल नहीं पाये गये.
  6. एक्स-रे कक्ष, सोनोग्राफी कक्ष एवं प्रतीक्षा कक्ष कॉमन पाया गया, जिससे यह प्रतीत होता है कि जो गर्भवती महिला सोनोग्राफी हेतु अस्पताल में भर्ती है उन्हें एक्सरे रिडिएशन संक्रमण होने की अधिक संभावना है. एक्सरे कक्ष के बाहर कोई भी प्रोटोकॉल चस्पा नहीं थे.
  7. अस्पताल में फायर एनओसी उपलब्ध कराये जाने पर प्रोविजनल (6100005529/एफएनओसी/सीओएल/2022/3412, 12 जुलाई 2022) एनओसी उपलब्ध करायी गई है जो नियम अनुसार वैद्य नहीं है एवं समिति को आपके अस्पताल में इमरजेंसी फायर निकासी द्वारा भी नहीं मिला.
  8. समिति के समक्ष अधिकारी एवं सदस्यों द्वारा अस्पताल में कार्यरत स्टॉफ से पूछे जाने पर श्रीमती रजनी पति श्री संजय व अन्य स्टाफ द्वारा बताया कि आपके द्वारा उक्त कर्मचारियों को वेतन का नगर भुगतान किया जाता है, इससे प्रतीत होता है कि आपके द्वारा आपके अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों को ईएसआई एवं ईपीएफ कटोत्रा नहीं किया जाता है और न ही आपके द्वारा जमा किया जाता है, जो कि शासन के श्रम विभाग के अधिनियम का उल्लंघन है.
  9. समिति द्वारा पैथालॉजी का निरीक्षण करने पर पाया गया कि पैथालॉजी मेें जांच करने हेतु पैथालॉजिस्ट कार्यरत नहीं है. डॉ. शुभांकर बर्मन एमबीबीएस, एमएस ओबीएस एंड जीवॉयएन. द्वारा पैथालॉजी ममें जांच की जाती है, जो कि इण्डियन मेडिकल काउंसिल अधिनियम 1956 के तहत दण्डनीय अपराध है.
  10. आपके अस्पताल में वार्ड में 15 बेड लगे पाये गये, जो कि अत्याधिक पास-पास लगे थे जो कि मापदण्ड के अनुरुप नहीें है.
  11. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में तीन चिकित्सक पाये गये एवं चार स्टाफ नर्स कार्यरत पायी गई. जिसमें से दो स्टाफ नर्स का नर्सिंग कॉसिंल का पंजीयन नहीं पाया गया.
    इस खामियों को लेकर पत्र क्रमांक 3 द्वारा कारण बताओ पत्र जारी करते हुए एक माह का समय प्रदान करते हुए जवाब देने के लिए आदेशित किया गया था. जिसके एवज में 29 दिसंबर 2022 को अपना जवाब जिला कार्यालय को प्रेषित किया गया. हालांकि दिए जवाब से जिला स्तरीय निरीक्षण समिति द्वारा अवलोकन करने पर दल द्वारा अमान्य किया गया.
    जांच टीम ने दी यह रिपोर्ट
    जिला स्तरीय निरीक्षण समिति डॉ. अंकित चाण्डक जिला स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव निश्चेतना विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय सीहोर, डॉ. सुजाता परमार स्त्री रोग विशेष जिला अस्पताल सीहोर, गायत्री राव डीपीएचएनओ स्थानीय कार्यालय, अर्जुन सुखेजा संगणक स्थानीय कार्यालय द्वारा छह दिसंबर 2022 को इम्होटेप हॉस्पिटल राला नसरुल्लागंज में प्रसूता की मृत्यु होने के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच कर जांच रिपोर्ट कार्यालय को भेजी. निरीक्षण समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन में बताया गया कि उक्त प्रकरण की जांच करने पर यह प्रतीत होता है कि संचालक द्वारा मापदण्डों के अनुसार अस्पताल का संचालन नहीं किया जा रहा है. अस्पताल का स्टाफ पूर्ण रूप से प्रशिक्षित नहीं है. एक्स रे तकनीशियन से आईसीयू में कार्य कराय जा रहा है, जो कि एक गंभीर अनियमितता है एवं आईसीयू/पोस्टमार्टम वार्ड में बीएचएमएस चिकित्सक को पदस्थ कार्य कराया जा रहा है. श्री वीरेन्द्र राजपूत जो कि नर्सिग स्टाफ है जिनके काउंसिल का पंजीयन की वैद्यता समाप्त हो चुकी है. समिति द्वारा बताया गया कि अस्पताल के संचालक द्वारा मृतिका नेहा के इलाज में लापरवाही की गई. जिस उपरांत समिति द्वारा अनुशंसा की गई है कि संचालक द्वारा शासकीय नियमों का पालन नहीं करने तथा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार स्टाफ पदस्थ नहीं करने के कारण वर्तमान में अस्पताल का पंजीयन समाप्त करना प्रस्तावित किया गया. इस संबंध में संदर्भित पत्र क्रमांक 3 द्वारा आपको अपना अभिमत प्रेषित किये जाने के लिए एक माह का समय प्रदान किया गया था. आपके द्वारा 29 दिसंबर 2022 को पत्र के माध्यम से कार्यालय को जबाव प्रेषित किया, आपके जवाब से जिला स्तरीय निरीक्षण समिति संतुष्ट नहीं है.
    निरस्त किया लाइसेंस, सप्ताह भर का समय
    जारी आदेश में बताया कि मप्र उपचार गृह तथा रोजोउपचार गृह संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 के नियम 17 अंतर्गत अनुसूची 2 के अनुसार नहीं पाया गया. मप्र उपचार गृह तथा रोजोउपचार गृह संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 की धारा 5 एवं धारा 6 की उपधारा (1) एवं (2) अनुसार आपके अस्पताल का पंजीयन क्रमांक एनएच/0107/जेएएन-2020 व लायसेंस क्रमांक एलएल/0128/जेएएन2020 निरस्त किया जाकर आपको एक सप्ताह का समय दिया जाता है कि आपके हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के अन्य हॉस्टिपल में हस्तांतरित करना सुनिश्चित करें.
  1. अस्पताल के मुख्य द्वार पर रैंप मापदण्ड अनुसार अत्याधिक ऊंचाई पर पाई गई.
  2. अस्पताल के आईसीयू पहुंच मार्ग सामान्य मार्ग की तरह उपयोग किया जा रहा है, जिससे आईसीयू में भर्ती मरीजों में संक्रमण फैलाने की संभावना अधिक है.
  3. निरीक्षण समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान अस्पताल में संचालित जनरल वार्ड, महिला वार्ड, प्रायवेट वार्ड मापदण्ड के अनुरुप हवादार नहीं है.
  4. लेबर ओ.टी. निरीक्षण के दौरान पाया कि लेबर ओटी हेतु नियम 160 वर्ग फीट का होना आवश्यक है किन्तु आपके अस्पताल में लेबर ओटी 120 वर्ग फीट में संचालित है.
  5. बायो मेडिकल बेस्ट के डस्टबिन के ऊपर बायो मेडिकल बेस्ट निष्पादन के प्रोटोकॉल नहीं पाये गये.
  6. एक्स-रे कक्ष, सोनोग्राफी कक्ष एवं प्रतीक्षा कक्ष कॉमन पाया गया, जिससे यह प्रतीत होता है कि जो गर्भवती महिला सोनोग्राफी हेतु अस्पताल में भर्ती है उन्हें एक्सरे रिडिएशन संक्रमण होने की अधिक संभावना है. एक्सरे कक्ष के बाहर कोई भी प्रोटोकॉल चस्पा नहीं थे.
  7. अस्पताल में फायर एनओसी उपलब्ध कराये जाने पर प्रोविजनल (6100005529/एफएनओसी/सीओएल/2022/3412, 12 जुलाई 2022) एनओसी उपलब्ध करायी गई है जो नियम अनुसार वैद्य नहीं है एवं समिति को आपके अस्पताल में इमरजेंसी फायर निकासी द्वारा भी नहीं मिला.
  8. समिति के समक्ष अधिकारी एवं सदस्यों द्वारा अस्पताल में कार्यरत स्टॉफ से पूछे जाने पर श्रीमती रजनी पति श्री संजय व अन्य स्टाफ द्वारा बताया कि आपके द्वारा उक्त कर्मचारियों को वेतन का नगर भुगतान किया जाता है, इससे प्रतीत होता है कि आपके द्वारा आपके अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों को ईएसआई एवं ईपीएफ कटोत्रा नहीं किया जाता है और न ही आपके द्वारा जमा किया जाता है, जो कि शासन के श्रम विभाग के अधिनियम का उल्लंघन है.
  9. समिति द्वारा पैथालॉजी का निरीक्षण करने पर पाया गया कि पैथालॉजी मेें जांच करने हेतु पैथालॉजिस्ट कार्यरत नहीं है. डॉ. शुभांकर बर्मन एमबीबीएस, एमएस ओबीएस एंड जीवॉयएन. द्वारा पैथालॉजी ममें जांच की जाती है, जो कि इण्डियन मेडिकल काउंसिल अधिनियम 1956 के तहत दण्डनीय अपराध है.
  10. आपके अस्पताल में वार्ड में 15 बेड लगे पाये गये, जो कि अत्याधिक पास-पास लगे थे जो कि मापदण्ड के अनुरुप नहीें है.
  11. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में तीन चिकित्सक पाये गये एवं चार स्टाफ नर्स कार्यरत पायी गई. जिसमें से दो स्टाफ नर्स का नर्सिंग कॉसिंल का पंजीयन नहीं पाया गया.
    इस खामियों को लेकर पत्र क्रमांक 3 द्वारा कारण बताओ पत्र जारी करते हुए एक माह का समय प्रदान करते हुए जवाब देने के लिए आदेशित किया गया था. जिसके एवज में 29 दिसंबर 2022 को अपना जवाब जिला कार्यालय को प्रेषित किया गया. हालांकि दिए जवाब से जिला स्तरीय निरीक्षण समिति द्वारा अवलोकन करने पर दल द्वारा अमान्य किया गया.
    जांच टीम ने दी यह रिपोर्ट
    जिला स्तरीय निरीक्षण समिति डॉ. अंकित चाण्डक जिला स्वास्थ्य अधिकारी प्रथम, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव निश्चेतना विशेषज्ञ जिला चिकित्सालय सीहोर, डॉ. सुजाता परमार स्त्री रोग विशेष जिला अस्पताल सीहोर, गायत्री राव डीपीएचएनओ स्थानीय कार्यालय, अर्जुन सुखेजा संगणक स्थानीय कार्यालय द्वारा छह दिसंबर 2022 को इम्होटेप हॉस्पिटल राला नसरुल्लागंज में प्रसूता की मृत्यु होने के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच कर जांच रिपोर्ट कार्यालय को भेजी. निरीक्षण समिति द्वारा जांच प्रतिवेदन में बताया गया कि उक्त प्रकरण की जांच करने पर यह प्रतीत होता है कि संचालक द्वारा मापदण्डों के अनुसार अस्पताल का संचालन नहीं किया जा रहा है. अस्पताल का स्टाफ पूर्ण रूप से प्रशिक्षित नहीं है. एक्स रे तकनीशियन से आईसीयू में कार्य कराय जा रहा है, जो कि एक गंभीर अनियमितता है एवं आईसीयू/पोस्टमार्टम वार्ड में बीएचएमएस चिकित्सक को पदस्थ कार्य कराया जा रहा है. श्री वीरेन्द्र राजपूत जो कि नर्सिग स्टाफ है जिनके काउंसिल का पंजीयन की वैद्यता समाप्त हो चुकी है. समिति द्वारा बताया गया कि अस्पताल के संचालक द्वारा मृतिका नेहा के इलाज में लापरवाही की गई. जिस उपरांत समिति द्वारा अनुशंसा की गई है कि संचालक द्वारा शासकीय नियमों का पालन नहीं करने तथा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार स्टाफ पदस्थ नहीं करने के कारण वर्तमान में अस्पताल का पंजीयन समाप्त करना प्रस्तावित किया गया. इस संबंध में संदर्भित पत्र क्रमांक 3 द्वारा आपको अपना अभिमत प्रेषित किये जाने के लिए एक माह का समय प्रदान किया गया था. आपके द्वारा 29 दिसंबर 2022 को पत्र के माध्यम से कार्यालय को जबाव प्रेषित किया, आपके जवाब से जिला स्तरीय निरीक्षण समिति संतुष्ट नहीं है.
    निरस्त किया लाइसेंस, सप्ताह भर का समय
    जारी आदेश में बताया कि मप्र उपचार गृह तथा रोजोउपचार गृह संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 तथा नियम 1997 के नियम 17 अंतर्गत अनुसूची 2 के अनुसार नहीं पाया गया. मप्र उपचार गृह तथा रोजोउपचार गृह संबंधी स्थापनायें (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 की धारा 5 एवं धारा 6 की उपधारा (1) एवं (2) अनुसार आपके अस्पताल का पंजीयन क्रमांक एनएच/0107/जेएएन-2020 व लायसेंस क्रमांक एलएल/0128/जेएएन2020 निरस्त किया जाकर आपको एक सप्ताह का समय दिया जाता है कि आपके हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के अन्य हॉस्टिपल में हस्तांतरित करना सुनिश्चित करें.

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