भाजपा आत्मविश्वास में, कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी मैदान में
सीहोर. इसी साल 2023 में विधानसभा के चुनाव होना संभावित हैं. चुनावों को लेकर मध्यप्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस ने अपनी-अपनी तैयारियां तेज कर दी है. यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर जिला मुख्यालय पर 34 साल में पहली बार एक नजारा देखने को मिल रहा है, 34 साल से सीहोर विधानसभा चुनाव में शिथिल रहने वाली कांग्रेस ने भाजपा को जमीनी तैयारियों के मामले में पीछे छोड़ दिया है. भाजपा की गढ़ कही जाने वाली सीहोर विधानसभा सीट पर फिलहाल भाजपा आत्मविश्वास से भरी नजर आ रही है तो कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी जमकर जमीनी स्तर पर तैयारियों में जुट गए हैं.
जानकारी के अनुसार अब से 40 साल पहले कांगे्रस विधायक शंकरलाल साबू को भाजपा प्रत्याशी मदनलाल त्यागी ने विधानसभा चुनाव में हराया था. तभी से सीहोर विधानसभा भाजपा का गढ़ हो गया है. हालांकि भाजपा के मदनलाल त्यागी को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रमेश सक्सेना ने शिकस्त दी थी. इसके बाद सक्सेना लगातार तीन बार से भाजपा प्रत्याशी के रूप में अपनी जीत दर्ज करते आए. हालांकि उनकी जीत पर निर्दलीय प्रत्याशी सुदेश राय ने विराम लगा दिया. इसके बाद सुदेश राय भी भाजपा के टिकट से लड़े और अच्छे-खासे 20 हजार वोटों के अंतर से जीते भी. वर्तमान में सीहोर विधानसभा सीट से सुदेश राय ही भाजपा विधायक है.
पहली बार देख रहे यह नजारा
यहां यह उल्लेखनीय है कि लगभग 25-30 सालों से सीहोर विधानसभा सीट पर कांग्रेस पैराशूट के माध्यम से अचानक प्रत्याशी उतारती आ रही है. बगैर तैयारियों के प्रत्याशी उतरने की वजह से कांगे्रस यहां तीन दशक से हार का सामना करती आ रही है, लेकिन सीहोर विधानसभा क्षेत्र में 34 साल के कार्यकालों में यह पहली बार देखने में आ रहा है कि जब कांग्रेस की और से संभावित प्रत्याशी पूर्व विधायक रमेश सक्सेना के पुत्र जिला पंचायत सदस्य शशांक सक्सेना फिल्ड में उतरकर जबरदस्त चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं. शशांक सक्सेना हर दिन विधानसभा क्षेत्रों के गांवों में भ्रमण कर रहे हैं, ग्रामीणों की समस्याएं सुन रहे हैं तो उन्हें हल करने का प्रयास भी कर रहे हैं.
भाजपा के भी यह संभावित प्रत्याशी
फिलहाल विधानसभा चुनावों में अभी आठ से नौ महीने शेष बचे हैं. जैसा कि अब तक परम्परा रही है कि भारतीय जनता पार्टी अपने सीटिंग एमएलए को ही भाजपा का प्रत्याशी बनाती आई है, लेकिन फिर भी राजनीति के जानकारों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी की और से विधायक सुदेश राय के अलावा तीन अन्य नेताओं पर भी भाजपा विश्वास जता सकती है. इनमें पहले नाम के रूप में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष नरेश मेवाड़ा और चंद महीनों में ही सीहोर की जनता के लिए लोकप्रिय हुए नगर पालिका के युवा अध्यक्ष प्रिंस राठौर पर भी भाजपा विश्वास जता सकती है.