एसपी की बेहतर रणनीति से पकड़े गए हत्या के आरोपी

गहनों के लालच में दादी की बहन की हत्या

सीहोर. जिला पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी की बेहतर रणनीति इन दिनों आरोपियों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है. एसपी मयंक अवस्थी की प्लानिंग के चलते घटना के चार-पांच दिन बाद ही आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ जा रहे हैं. ऐसे ही एक हत्या के मामले में पुलिस ने छह दिन में ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने गहने के लालच में 75 वर्षीय वृद्ध महिला को मौत के घाट उतार दिया था.
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार गुमशुदा बलिया बाई निवासी दिगवाड़ उम्र लगभग 75 वर्ष की तलाश के दौरान तीन जनवरी के सीसीटीवी फुटेज से प्राप्त समय के आधार पर तकनीकी डाटा संकलित कर एवं अन्य स्थानों के सीसीटीवी फुटेज तलाश कर सभी संभावित स्थानों पर वृद्ध महिला की तलाश के लिए तीन थानों की टीमें गठित की गई थी. पुलिस टीम द्वारा तकनीकी अध्ययन से बाबरी घाट तरफ महिला को ले जाने के साक्ष्य पाए गए थे, जिसके आधार पर पुलिस टीमों द्वारा नर्मदा नदी के किनारों व पानी में लगातार चार दिन तक सर्चिंग कर वृद्ध महिला बलिया बाई का शव नर्मदा नदी में रस्से से बंधा होना व एंकर बंधा होना पाया. जांच टीमों द्वारा तकनीकी अध्ययन व साक्ष्यों से यह पाया गया था कि घटना में मृतक महिला के गहनों के लालच में ही घटना को अंजाम दिया गया है व महिला के किसी परिजन का घटना में शामिल होना संभावित है, जिसने बलिया बाई के गहनों को देखा था. पुलिस टीमों द्वारा गहनता से सभी तकनीकी एवं भौतिक साक्ष्यों का अध्ययन कर, वृद्ध महिला के परिजनों से पूछताछ में यह बात सामने आयी की घटना से एक दिन पहले वृद्ध महिला बलिया बाई अपने भतीजे के अंतिम संस्कार में सम्मलित होने ग्राम डिमावर गई थी, जहां बलिया बाई की बहन ललताबाई का पोता धर्मेन्द्र यदुवंशी उसे वहां मिला था, जहां बलिया बाई के गहने देखकर धर्मेन्द्र के मन में लालच आया और दुसरे दिन घटना दिनांक तीन जनवरी को दोपहर में धर्मेन्द्र यदुवंशी निवासी बड़ी बाबरी शिवपुर का बलियाबाई के घर रैकी करने गया था एवं करीब एक घण्टे तक बलिया बाई के पास रुका व घर की रैकी की. पारिवारिक सदस्य होने के कारण धर्मेन्द्र यदुवंशी का घर आना सामान्य माना गया. बलियाबाई के गहनों के लालच में आरोपी धर्मेन्द्र ने अपने गांव के साथियों दिलीप यदुवंशी उर्फ़ भूरा उम्र 20 वर्ष, नीलेश यदुवंशीए उम्र 27 साल के साथ मिलकर तीन-चार जनवरी की रात में बलिया बाई के घऱ में घुसना एवं वृद्ध महिला की हत्या करना स्वीकार किया एवं गहने निकालकर शव को हेंगर में रस्से से बांधकर नर्मदा नदी बाबरी घाट में बीच नदी में फेंका ताकि शव कभी बाहर ना आ सके. पुलिस टीम द्वारा आरोपीगणों को हिरासत में लेकर पुछताछ पर उनके व्दारा जुर्म स्वीकार किया गया है. मृतिका बलिया बाई के पैर में पहनी चांदी की कड़ी एवं गले का सोने का मंगलसूत्र तथा घटना में प्रयुक्त मोटरसायकल आरोपीगण के कब्जे से बरामद किया गया है.

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