इम्होटेप अस्पताल में प्रसूताओं को है संक्रमण का खतरा

जांच टीम ने किया खुलासा

सीहोर. नसरुल्लागंज के इम्होटेप अस्पताल में प्रसूता की मौत के बाद सीएमएचओ सुधीर कुमार डेहरिया के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए पहुंची थी. जांच टीम को अस्पताल में अनेक खामियां मिली.
जांच टीम द्वारा निजी अस्पताल इम्होटेप अस्पताल को दिए गए नोटिस के छठवें पाईंट में बताया कि एक्स-रे कक्ष, सोनोग्राफी कक्ष एवं प्रतीक्षा कक्ष कॉमन पाया गया, जिससे यह प्रतीत होता है कि जो गर्भवती महिला सोनोग्राफी हेतु अस्पताल में आती है उन्हें एक्स-रे रेडिएशन संक्रमण होने की अतयाधिक संभावना है. इसके अतिरिक्त एक्स-रे कक्ष के बाहर एक्स-रे से संबंधित कोई भी प्रोटोकॉल चस्पा नहीं था. इसके अतिरिक्त अस्पताल के मुख्य द्वार रैंप मापदण्ड अनुसार अत्याधिक ऊंचाई पर पाई गई. अस्पताल के आई.सी.यू. पहुंच मार्ग सामान्य मार्ग की तरह उपयोग किया जा रहा है, जिससे आईसीयू में भर्ती मरीजों में संक्रमण फैलने की संभावना अत्याधिक है. निरीक्षण समिति द्वारा निरीक्षण के दौरान अस्पताल में संचालित जनरल वार्ड, महिला वार्ड, प्रायवेट वार्ड मादण्ड के अनुरुप हवादार नहीं है. लेबर ओटी निरीक्षण के दौरान पाया कि लेबर ओटी हेतु नियम 160 वर्ग फीट का स्थान होना आवश्यक है, किन्तु आपके अस्पताल में लेबर ओटी 120 वर्ग फीट में संचालित है. बायोमेडिकल बेस्ट के डस्टबिन के ऊपर बायोमेडिकल बेस्ट निष्पादन के प्रोटोकॉल नहीं पाये गए.

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