सीहोर , कोरोना काल में जहां एक ओर दुनिया विभिन्ना प्रकार की समस्याओं से लड़ रही है, वहीं हमारी आजीविका मिशन की समूह की दीदियों द्वारा विभिन्ना आयामों को छुआ जा रहा है एवं समूहो महिलाओ की स्थाई आजीविका के लिए इस वर्ष कलेक्टर व मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के मार्गदर्शन से जिले में स्व सहायता समूह की महिलाओ द्वारा अनाज उपार्जन केंद्र संचालन, उचित मूल्य की दुकान संचालन, तुलसी की खेती एवं प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी प्रोड्यूसर कंपनी, खाद्य प्रसंस्करण पीएमएफएमई योजनाओं का लाभ लेकर आगे बढ़ रही हैं।
जिले में औषधीय खेती के प्रति स्व सहायता समूह की महिलाएं जागरूक हो रही हैं, जिसके तहत स्व सहायता समूह की 250 महिलाओं द्वारा तुलसी की खेती की जा रही है। प्रति एकड़ 8000-12000 लागत से एक लाख रुपये तक का मुनाफा ले सकेगी। ग्राम सिराड़ी के दुर्गा आजीविका स्व सहायता समूह की अनीता ने गत वर्ष एक एकड़ में तुलसी की खेती की थी, जिससे तीन वार मे लगभग एक लाख की बेची थी। इस वार अनीता ने 4 एकड़ जमीन है। तुलसी लगाइ है जो अब लहलहा रही है। अनीता बताती है कि अब सोयाबीन की खेती की तुलना में तुलसी की खेती कई गुना फायदे की खेती है। आजीविका मिशन द्वारा तुलसी खेती करने की प्रेरणा मिली। इसमें कोई प्राकृतिक नुकसान भी नहीं है। इस फसल को लेट भी काट सकते हैं। इसमें दवाई नहीं डालना पड़ती। सिर्फ निंदाई ही करना पड़ती है। अनके निर्णय से परिवार काफी खुश हैं।
सोयाबीन की जगह तुलसी की खेती शुरू
इस वर्ष अनीता से सीख लेकर समूह की लगभग 250 सदस्यों द्वारा तुलसी की खेती की जा रही है। ग्राम आमला रामजीपुरा इछावर की श्री गणेश आजीविका समूह की निर्मला चंद्रवंशी पति सीताराम चंद्रवंशी पिछले वर्ष डेढ़ एकड़ में सोयाबीन लगाया था, जिसमें काफी जुताई, खाद- बीज तथा नींदाई भी करने के बाद भी सोयाबीन की फसल खराब हो गई और बीज तक नहीं बचा। दीदी के ऊपर काफी कर्जा भी हो गया, सिराड़ी की अनीता दीदी की कहानी से प्रेरित होकर दीदी ने भी इस वर्ष एक एकड मे तुलसी लगाया है। इसी प्रकार ग्राम विछोली के मां गोरी आजीविका स्व सहायता समूह की सचिव संगीता मालवीय ने पिछले वर्ष एक एकड़ मे तुलसी की खेती की थी जिससे अच्छा मुनाफा हुआ था और इस वर्ष भी एक एकड़ जमीन में तुलसी की खेती कर रही हैं।
13 स्व सहायता समूह के 15 हितग्राहियों को 5.80 लाख की राशि जारी
कृषि कार्य को आगे वढ़ाने और किसाने को अनकी फसल की कम लागत में अधिक उत्पादन, उचित दाम पर आसानी से बेचने व उत्पादों के प्रसंस्करण मे मदद करने के उद्वेश्य से सामर्थ्य आजीविका फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड विकासखंड बुधनी, आत्मनिर्भर महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड विकासखंड इछावर, महिला किसान क्रॉप प्रोड्यूसर कंपनी विकासखंड सीहोर व कार्तिकेय आजीविका फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड भैरुंदा का गठन किया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत सीबीबीओ की 10 हजार एफपीओ निर्माण सहयोग के तहत 3 लाख रुपये प्रति कंपनी की राशि तीन कंपनियों को तथा पीएफएमई के तहत 13 स्व सहायता समूह के 15 हितग्राहियों को 5.80 लाख की राशि जारी की गई