सीएम लेंगे मंत्रियों-विधायकों के कामकाज का हिसाब, अक्टूबर से शुरू होगी समीक्षा बैठकें

भोपाल। मध्यप्रदेश की सियासत में हलचल तेज है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी सरकार के मंत्रियों और विधायकों के कामकाज की समीक्षा करने जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर महीने से वह मंत्रियों के साथ वन.टू.वन बैठकें करेंगे और उनके 20 महीनों के प्रदर्शन का हिसाब लेंगे। इस समीक्षा के आधार पर ही आने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में मंत्रियों का भविष्य तय होगा।
मुख्यमंत्री के इस कदम को उनके ‘एक्शन मोड’ में होने का संकेत माना जा रहा है। सरकार बनने के बाद से अब तक मंत्रियों ने अपने विभागों में क्या काम किया, इसका विस्तृत ब्यौरा तैयार किया गया है। हर मंत्री को इन बैठकों में अपने विभाग के कामकाज की पूरी जानकारी देनी होगी। यह भी देखा जाएगा कि उन्होंने अपने प्रभार वाले जिलों में कितना दौरा किया, गांवों में रात्रि विश्राम और चौपाल लगाई या नहीं। संगठन के कामकाज में उनकी भागीदारी और कार्यकर्ताओं से उनके संबंधों की भी पड़ताल की जाएगी।
विधायकों पर भी होगी नजर
सिर्फ मंत्री ही नहीं, विधायकों के कामकाज की भी समीक्षा की जाएगी। विधायकों को चार साल का जो रोडमैप बनाने को कहा गया था, उसकी रिपोर्ट और विधायक निधि के उपयोग का ब्यौरा भी मुख्यमंत्री के सामने पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पहले भी मंत्रियों के प्रदर्शन की एक रिपोर्ट तैयार करवाई थी, जिसे केंद्रीय नेतृत्व और हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को भी दिखाया गया था।
सिंहस्थ 2028 की तैयारियों पर भी होगी चर्चा
इसके अलावा मुख्यमंत्री सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर 12 संबंधित विभागों की अलग से बैठक लेंगे। इन बैठकों में विभागों से पूछा जाएगा कि उन्होंने तय समय सीमा के भीतर कितना काम पूरा किया है और क्या उन्होंने केंद्र सरकार से बजट प्राप्त करने के लिए प्रयास किए हैं। मुख्यमंत्री की इस समीक्षा के बाद प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में बड़े फेरबदल की अटकलें लगाई जा रही हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि समीक्षा का नतीजा क्या निकलता है और मंत्रिमंडल में कौन अपनी जगह बचा पाता है।



