सीहोर…सीएम शिवराज सिंह चौहान की बुधनी विधानसभा क्षेत्र के छीपानेर अवैध खदान से अवैध उत्खनन जोरों पर बताया जा रहा है।नसरुल्लागंज तहसील के ग्राम रानीपुरा चौरसाखेडी छीपानेर नर्मदा में भी रेत का खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसके चलते नदियां समय के पहले प्रदूषित हो रही हैं।साथ ही नर्मदा बंजर होती जा रही नदियों में अधिकतर रेत ढोई जा चुकी है। इससे नदियों का स्वरूप बिगडऩे की कगार पर आ गया है और बरसात के कुछ दिन बाद ही नदी जलहीन होने लगती है।
छीपानेर गांव की जीवनरेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी में नाममात्र का पानी बचा है। इसे देखते हुए लग रहा है कि गर्मियां आने के पहले नदी में पानी सूख जाएगा और धूल उडऩे लगेगी। जबकि कुछ साल पहले तक नदियों में बारहों महिने भरपूर पानी रहता था। नदियों का पानी सूखने एवं भूजल के बेतहाशा दोहन से क्षेत्र के भूजल स्तर में तेजी से गिरावट रेत उत्खनन के दुष्परिणाम के रूप में देखी जा रही है।
सूत्रों की माने तो क्षेत्र में वैध से अधिक अवैध उत्खनन हावी है। बताया जाता है राजनीति सरंक्षण प्राप्त नेताओं के इशारे पर छिपानेर रानीपुरा चौरसाखेडी में बेतहाशा रेत का उत्खनन एवं परिवहन करते हैं। वहीं दूसरी ओर संबंधित विभाग द्वारा अवैध उत्खनन पर ठोस कार्रवाई करने पहुंचते है तो राजनीति का रसूक दिखातें है। छीपानेर समेत क्षेत्र के गांव गांव में हो रहे निर्माण कार्यों में दिन रात रेत ढो रहे वाहन दौड़ते रहते हैं। बीते दिनों कुछ ट्रैक्टर पकड़े जाने के बाद ट्रालियों में तिरपाल ढककर रेत ढोई जाती देखी गई थी। लेकिन समय बीतने के बाद अब पुन: खुलेआम रेत ढोई जा रही है।छीपानेर मै बस स्टैंड पर खुलेआम रोड़ो पर रेत के ढेर लगाकर जेसीबी मशीन से डंपर रेतमाफिया भरते है जो महिला बच्चे निकलने मै दिक्कत होती है सबसे खास बात यह है छीपानेर धुनी वाले दादाजी का स्थान है जहाँ दूर दराज के भक्त गण दर्शन करने जाते है जिनको भी परेशानी होती है छिपानेर घाट पर मजदूरों के पास ना ही मास्क है ना ही सोशल डिस्टेंस दिखाई दे रही है। तो फिर कैसे भागेगा कोरोना । रोजाना नर्मदा नदी छिपानेर अवैध खदान से रोजना 700 से 800 ट्रेक्टर ट्राली से रेत निकाली जा रही है।