छीपानेर में माफिया खुलेआम कर रहे अवैध रेत खनन रोकने वाला कोई नहीं,

छीपानेर मे खुलेआम खनन

सीहोर… रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद,श है कि नर्मदा नदी में जमकर अवैध रेत उत्खनन कर रहे कोई रोकटोक नही है , जिले में रेत माफिया जिला प्रशासन के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए नर्मदा नदी में भारी मात्रा में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन कर रहे है
नर्मदा नदी से अवैध उत्खनन करवाने में विभागीय जिम्मेदार माफिया के गुप्तचरों की भूमिका अदा कर रहे हैं। प्रदेश में सरकार भले ही बदल गई हो, लेकिन हालत यह है कि नर्मदा से अवैध रेत उत्खनन का कारोबार धड़ल्ले से जारी है। नर्मदा खदानों और स्टॉक से प्रतिदिन छिपानेर क्षेत्र से बाहर जाते हुए सैकडों डंपर व ट्रॉलियां सहजता से देखी जा सकती हैं। यह डंपर ट्रालियां क्षमता से भी अधिक भरी हुई होती है जिनसे हादसों का भी डर बना रहता है।सूत्रों का कहना है कद्दावर भाजपा नेताओं का गढ़ है इसके बाद भी मौन है आखिरकार इस अवैध रेत कारोबार मै कौन दे रहा है सरक्षंण ।गौरतलब है कि नर्मदा खदानों पर 30 जून से संभवतः रेत खनन पर रोक लग जाएगी, लेकिन उससे पहले बारिश होने से नदी में पानी आने के बाद भी अवैध खनन किया जा रहा है। हालात यह है कि कोरोना कर्फ्यू से लेकर अभी तक अवैध खनन कर शासन को लाखों रुपये के राजस्व की हानि रेत मफिया पहुंचा रहे हैं। इतना ही नहीं इन अवैध खदानों में सैकड़ों कश्तियां नदी में से रेत खनन कर ट्रैक्टर ट्रालियों में भर रही है, जो गांवों के प्रमुख मार्गों पर ढेर लगा रहे हैं, यहां से इनको राजनीतिक रसूक के चलते बिना रायल्टी के 100 से अधिक डंपर परिवहन कर रहे हैं। इसके बाद भी रेत माफियाओं पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
जानकारी के अनुसार सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में नर्मदा तट की छीपानेर, रानीपुरा व चौरसा खेड़ी की अवैध खदानों से जमकर रेत का खनन व परिवहन किया जा रहा है। छीपानेर घाट पर 100 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रालियां और 200 कश्तियां रेत खनन व परिवहन में लगी हुई हैं। ट्रालियों से रेत लाकर गांव के प्रमुख मार्गो पर डंप कर रेत के पहाड़ खड़े किए जा रहे हैं, जहां से दिन भर में 100 डंपर से अधिक रेत बिना रायल्टी के परिवहन की जा रही है। ऐसा नहीं है कि राजस्व पुलिस खनिज अमले को इसकी जानकारी नहीं है। ग्रामीण कई बार इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे लाखों रुपये के राजस्व की हर रोज शासन को चपत लग रही है।
शासन के अनुसार मजदूरों को काम मिल सके, इसलिए मशीनों पर प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन इन खदानों पर अवैध तरीके से किए जा रहे खनन में दर्जनों पोकलेन व बुलडोजर मशीनों का उपयोग कर रेत का खनन व परिवहन किया जा रहा है। ग्राम छीपानेर के मानसिंह, धीरज सिंह, सुनील और कछरूलाल बताते हैं कि राजनीतिक रसूक के दम पर रेत माफिया अवैध खनन कर रहे हैं। गांव के प्रमुख मार्गों सहित जगह-जगह रेत के ढेर लगा रहे हैं, जहां से सैकड़ों डंपर रेत हर रोज परिवहन की जा रही है। वहीं लगातार रेत परिवहन कर रहे वाहनों से ग्रामीणों को हादसे का खतरा बना हुआ है। इतना ही नहीं तीन माह से अवैध खनन की शिकायत कर रहे है, लेकिन कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है।
यदि छीपानेर, रानीपुरा व चौरसा खेड़ी में कश्तियों व ट्रैक्टर-ट्रालियों से रेत का खनन व परिवहन किया जा रहा है तो छापामार कार्रवाई की जाएगी। अवैध रेत खनन व परिवहन करने वालों पर मामला दर्ज करने के साथ ही वाहन जब्त किए जाएंगे।
राजेंद्र परमार, जिला खनिज अधिकारी

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