1 दर्जन से अधिक कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कर लगा रखी थी आक्सीजन, आयुष डॉक्टर कर रहा था इलाज,मरीजों से लाखों रुपए के बिल थामा रहा था ,बीतीरात मै प्रशासन ने मारा छापा

सीहोर…मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिलें सीहोर मै कोरोना मरीजों की मुसीबत कम होती नजर नहीं आ रही है कोरोना के इलाज के नाम पर मरीज के परिजनों से कोविड की कोई परमिशन नही अस्पतालों धडल्ले से मरीज के नाम लाखों के बिल थामाकर लूट रहे है वही जिला प्रशासन ने कोरोना के इलाज के लिए जिलेभर मैं पांच निजि अस्पताल को परमिशन दी है सीहोर, आष्टा, बुधनी, जो निधार्रित बेट पर ही कोरोना मरीज के इलाज कर सकते है लेकिन गौरतलब है कि सोमवार को एसडीएम रवि वर्मा को मिली शिकायत पर राजस्व व स्वास्थ्य अमले ने रात दस बजे ग्राम बरखेड़ी स्थित रुद्र हास्पिटल पर छापामार कार्रवाई की। जहां के हालात देखकर अमला दंग रह गया। यहां अनुमति सिर्फ 10 बेड के अस्पताल की दी गई है, लेकिन प्रबंधन कोरोना संक्रमित 17 से अधिक मरीजों को उपचार बिना जांच के ही किया जा रहा था। इतना ही नही अस्पताल में लगी सूची में जिस डॉक्टर को नाम लिखा हुआ था, उसकी जगह आयुष डॉक्टर कोविड मरीजों का एलोपैथिक दावाओं से उपचार कर रहा था। वहीं यहां भर्ती मरीजों से इलाज के नाम पर लाखों रुपये वसूले जा रहे थे, जब जांच की गई तो शिकायतकर्ता ने बिल दिखाते हुए सच्चाई उजागर कर दी, वहीं अन्य कमियां पाए जाने पर रुद्र हास्पिटल बरखेड़ी को सील कर दिया गया है। कार्रवाई के दौरान एसडीएम रवि वर्मा, टीआर उइके, डीए चौहान, डॉ कोरी, नायब तहसीलदार शैफाली जैन, कोतवाली टीआई नलिन बुधोलिया सहित राजस्व पुलिस बल मौजूद थे। जाचं कर्ता डाक्टर टीआर उईके ने बताया कि आनाधिकृत रूप से कोविड मरीजों का उपचार किया जा रहा था। प्रोटोकाल के अनुसार मरीजों में दूरी नहीं थी। सबको आक्सीजन लगा हुआ था, जिसके नाम पर मनमाने पैसे लिए जा रहे थे। रुद्र हास्पिटल को सील कर सूचना चस्पा की गई है, जिसमें 10 मई के बाद किसी भी मरीज को रुद्र हास्पिटल में भर्ती नहीं किया जाएगा।
रूद्र अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नर्सिंग होम चलाने 10 बेड की परमिशन दी थी लेकिन नियमों के तहत स्वास्थ्य विभाग में रूद्र अस्पताल के अंदर जाकर निरीक्षण किया तो कई कमियां दिखाई दी नियमों को दरकिनार करते हुए मरीजों का इलाज कर रहा था तीन बंद कमरों में डूस डूस के कोरोना के मरीजों का इलाज करते हुए रंगे हाथों पकड़े गए।
वही रोज अस्पताल में 1 दिन का भर्ती होने का चार्ज दस हजार रु. है मरीज भर्ती होता है तो उसके परिजनों से पहले पैसे लेते है ।
जिला पंचायत सीईओ हर्ष सिंह का कहना है जिले भर में ऐसे जो भी निजि अस्पताल होंगे जो गलत कार्य कर रहे है और असहाय लोगों को लूट रहे हैं उन पर जिला प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा हमारी पूरी टीम राजस्व की स्वास्थ्य विभाग की पूरे जिले भर में कार्रवाई कर रही है।

रुद्र अस्पताल पर प्रशासन की छापामार कार्रवाई

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