सीहोर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए पिछले एक सप्ताह से की गई अनेक व्यवस्थाओं के फलस्वरूप तेजी से सुधार की स्थिति बन रही है। जाँच, उपचार, देखभाल की सभी आवश्यक सुविधाएँ बढ़ाने और सावधानियों पर अमल किए जाने से नागरिकों को राहत मिल रही है। लगातार की गई विस्तृत समीक्षा का ही परिणाम है कि अब धीरे-धीरे पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या भी कम होगी। जन-सहयोग से कोरोना पर नियंत्रण कर हम विजयी होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्रालय में राज्य में कोरोना की स्थिति की समीक्षा की।
प्रभारी अधिकारी व्यवस्थाएँ दुरस्त करवाएँमुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रभारी अधिकारियों से जिलों में किये गये भ्रमण और प्रभार के जिले में कोरोना की स्थिति के संबंध में प्रतिवेदन मांगा। उन्होंने प्रभारी अधिकारियों को निर्देश दिये कि उनके भ्रमण के पश्चात जिलों में व्यवस्थाएँ दुरस्त होना चाहिए। कोविड केयर सेंटर के संचालन और होम आइसोलेशन व्यवस्था की नियमित मानिटरिंग की जाए। जिले के अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तर क्षमता की जानकारी भी सार्वजनिक की जाए। प्रत्येक नागरिक, जन-प्रतिनिधि और मीडिया प्रतिनिधियों को व्यवस्थाओं से अवगत कराया जाये। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी उपस्थित थे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी बैठक से ऑनलाइन जुड़े।
प्रदेश में पर्याप्त है रेमडेसिविर इंजेक्शनरेमडेसिविर की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा हर संभव प्रयास किए गए हैं। रेमडेसिविर निर्माताओं को मध्यप्रदेश में उक्त औषधि की सप्लाई बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। शासन का प्रयास है कि सभी को जरूरत के अनुसार उचित दाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता सुगम हो। इसकी कालाबाजारी एवं अवैध विक्रय न हो। समस्त औषधि निरीक्षकों को निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अनुपालन में औषधि निरीक्षकों ने दो दिन में कुल 476 निरीक्षण किये। एम.आर.पी. से अधिक मूल्य पर बिक्री एवं कालाबाजारी पर प्रभावी नियंत्रण के प्रयास किए जा रहे हैं। औषधि निरीक्षकों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति एवं वितरण पर सतत् निगरानी रखी जा रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण केवल अस्पताल एवं संस्थानों में हो ऐसी व्यवस्था भी की गई है, ताकि अस्पतालों में भर्ती मराजों को सुलभता से इंजेक्शन उपलब्ध हो सके। शासन द्वारा प्रदेश के समस्त मेडिकल कॉलेजों, जहाँ सर्वाधिक मरीजों का इलाज किया जा रहा है, के लिए पृथक से इस इंजेक्शन की 5 हजार यूनिट की आपूर्ति की गई है। प्रदेश में आज कुल 21 हजार 862 यूनिट की आपूर्ति की गई है।
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ऑक्सीजन व्यवस्थाऑक्सीजन की निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए इसके निर्माताओं एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स से सतत् संपर्क किया जा रहा है। वर्तमान में ऑक्सीजन सप्लाई की कोई कमी नही हैं। प्रदेश में वर्तमान में लगभग 244 मेट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन की उपलब्धता है। प्रदेश में ऑक्सीजन के परिवहन के लिए टेंकरों की संख्या बढ़ायी जा रही है। अन्य राज्यों से भी ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए अनुरोध किया गया है। ऑक्सीजन के इण्डस्ट्रीयल उपयोग को सीमित करके सर्वप्रथम ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। अस्पतालों एवं संस्थानों में अपव्यय एवं बर्बादी को रोकने के लिए भारत शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों से सर्व संबंधितों को अवगत कराया गया है।
आगामी 3 दिन में लगेगी 15 लाख को वैक्सीनमध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए वैक्सीनेशन का कार्य बखूबी हो रहा है। आगामी 3 दिन में 15 लाख नागरिकों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य है। प्रदेश में अब तक 54 लाख 89 हजार 191 लोगों को वैक्सीन के डोज लग चुके हैं।