भोपाल
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना मरीजों को आक्सीजन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार इसके लिए लगातार काम कर रही है। आ
क्सीजन सिलेंडर के साथ के इंतजाम के साथ सरकार ने दो हजार आक्सीजन कंसेंट्रेटर खरीदने का निर्णय लिया है और इसके आर्डर दिए हैं। यह कंसेंट्रेटर हवा की आक्सीजन से खींचने का काम करता है और सिलेंडर की आक्सीजन की तरह ही काम करता है। इसके साथ ही सरकार यह भी समीक्षा कर रही है कि मरीजों को जितनी जरूरत है, उतनी ही आक्सीजन दी जा रही है या उससे अधिक दी जा रही है। कई बार ज्यादा आक्सीजन भी दी जाती है।
सीएम चौहान ने दमोह रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा में कहा कि इंजेक्शन रेमीडिसिवर की व्यवस्था में लगातार सुधार जारी है और दो तीन दिनों में इस संकट का समाधान हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जिलों मे लगातार कोविड केयर सेंटर तैयार किए जा रहे हैं। सरकार ने प्राइवेट लोगों को आफर दिया है कि सरकार बिल्डिंग देगी वे अस्पताल की सुविधाएं दें, इस पर कुछ लोगों से सकारात्मक बातचीत हुई है। सीएम ने कहा कि मंत्रियों को कोरोना रोकथाम के लिए जिलों के प्रभार की जिम्मेदारी सौंपी गई है और वे आज दिन भर जिलों से संपर्क कर जानकारी लेंगे। वे खुद भी समीक्षा करेंगे और कल फिर सुविधाओं पर बात करेंगे। मंत्रियों से कहा गया है कि वे जिलों में जनता, प्रशासन और स्वयं सेवी संगठन के साथ मिलकर इस संकट से निपटने में सहयोग लें। अस्पतालों में बिस्तर की संख्या बढ़ाना पहला उद्देश्य है। इसके लिए सरकारी व निजी लोगों से बात करेंगे।
शहर को लॉक करने के बजाय मास्क से मुंह व नाक करें लॉक
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर सब कुछ कर रही है लेकिन जनता का सहयोग जरूरी है। शहर को लॉकडाउन करने के बजाय जनता अपना मुंह और नाक मास्क से लॉक कर ले और पैरों को भी लॉक कर ले तो कोरोना संक्रमण को काबू में किया जा सकता है। बहुत ही जरूरत हो तो ही लोग घर से बाहर निकलें। जनता स्वत: स्फूर्त होकर किल कोरोना कर्फ्यू की स्थिति बना ले तो सब कुछ सामान्य हो जाएगा। प्रशासन ने जिलों में आवश्यक सेवाओं को छोड़ अपने स्तर पर बंद कराने का काम भी जनता की मदद से किया है।
एमपी बोर्ड पर फैसला नहीं, बच्चों का संक्रमण ध्यान में रखेंगे
एमपी बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर किए गए सवाल पर सीएम चौहान ने कहा कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं किया है लेकिन बच्चों को संक्रमण से मुक्त रखने का काम होगा। इस पर आगे चलकर फैसला लेंगे, बच्चों को संक्रमित नहीं होने देंगे।