5 हजार करोड़ खनिज से शिव के खजाने को मिले

भोपाल..प्रदेश में चौथी बार सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि एक कुशल राजनेता के तौर देखने को मिल रही है। खासतौर पर कोविड-19 में राज्य में तंगहाली के बावजूद उन्होंने जो दूरदर्शिता दिखाई और मैनेजमेंट किया उसके परिणाम दिखना शुरू हो गए हैं। यही वजह रही कि खनिज विभाग ने इस बार कोराना महामारी और उसके बाद चले लंबे लॉकडाउन के बाद भी अब तक सरकारी खजाने में पांच हजार करोड़ रुपए से अधिक का योगदान दिया है। वित्त वर्ष समाप्त होने तक यह आंकड़ा और बढ़ना तय है। दरअसल देश के गिने-चुने खनिज समृद्ध राज्यों में मप्र भी शामिल है। यह बात अलग है कि अगर प्रदेश में अवैध रेत खनन और परिवहन पर पूरी तरह से अंकुश लग जाए तो सरकार को मिलने वाले इस राजस्व में डेढ़ गुना तक वृद्धि हो सकती है। दरअसल मप्र ही देश का ऐसा राज्य है जहां पर हीरा मिलता है। इसके अलावा प्रदेश में ताम्र अयस्क, मैग्नीज के अलावा रॉक फास्फेट , चूना पत्थर और कोयला भी बहुतायत मात्रा में पाया जाता है।
इस साल अब तक खनिज विभाग ने अब तक 05 हजार 156 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व अर्जित किया है। इस दौरान अवैध उत्खनन के 973, अवैध परिवहन के 7952 और अवैध भण्डारण के 662 प्रकरणों सहित कुल 9 हजार 587 प्रकरण दर्ज किये गये। इनमें से 7466 प्रकरणों से विभाग को 30 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि अर्थदण्ड के रूप में मिली है। इनमें भी अवैध उत्खनन पर जुर्माना से तीन करोड़ 85 लाख, अवैध परिवहन से 24 करोड़ 04 लाख और अवैध भण्डारण की कार्रवाई के रुप में दो करोड़ 81 लाख रुपए की रिकार्ड वसूली की गई है। गौरतलब है कि खनिज विभाग ने गौण खनिज नियम 1996 में इसी साल जनवरी माह में रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से बदलाव किया है। इसमें पट्टाधारी खदानों में प्रदेश के ही 75 प्रतिशत मजदूरों को रोजगार देना जरूरी किया जा चुका है। इसके अलावा अधिक राजस्व जुटाने के लिए गौण खनिज नियमों में बदलाव करने से निजी और सरकारी भूमि पर गौण खनिज की खदानों की मंजूरी देने का भी प्रावधान किया गया है।
रेत से ही मिलेंगे हर साल 1400 करोड़
प्रदेश में नई रेत नीति लागू कर दी गई है। इस नीति में किए गए प्रावधानों से अब जिलेवार रेत खदान के समूह बनाकर ई-टेण्डर प्रक्रिया लागू की जा चुकी है। इस नई व्यवस्था की वजह से रेत खनन वाले 43 जिलों में से 42 जिलों से राज्य शासन को एक हजार चार सौ करोड़ रुपए की सालाना आय होना तय हो चुकी है। इसी तरह से प्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा नदी में रेत खनिज का उत्खनन मशीनों से पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। अन्य नदियों में रेत खनन में मशीनों का उपयोग करने की अनुमति पर्यावरण स्वीकृति के आधार पर दिये जाने का प्रावधान भी नई रेत नीति में किया गया है।
पोर्टल पर परिवहन का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
विभाग की गतिविधियों को ऑनलाइन करने के लिए वेब पोर्टल ई-खनिज बनाया गया है। जिसे परिवहन विभाग से लिंक किया जा चुका है। खनिज परिवहन के लिए पट्टेदार / ट्रांसपोर्टर द्वारा वाहन का रजिस्ट्रेशन इस पर कराना अनिवार्य किया गया है।

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