सीहोर – सीहोर जिला भौगोलिक दृष्टि के साथ-साथ धार्मिक रमणीक स्थलो के लिए भी जाना जाता है। लेकिन यहां प्रचार-प्रसार के आभाव में जो ख्याति सीहोर जिले में स्थित धार्मिक स्थलों को मिलना चाहिए वह अभी तक नहीं मिल पाई हैं। इसी को मूर्त रूप देने के लिए जिला पंचायत सीईओ हर्ष सिंह द्वारा नई पहल की शुरुआत की है। जिसमे सिंह द्वारा जिलेभर के धार्मिक एवं रमणीक स्थलों की एक बुक तैयार की गई हैं। जिसका अनावरण बीते २१ फरवरी को प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा नगर में आयोजित रोजगार मेले के समापन अवसर पर किया गया है। इस पर्यटक बुक में जिले के धार्मिक, रमणिक एवं ऐतिहासिक स्थलो को राष्ट्रीय पर्यटक स्थल में समाहित करने का प्रयास किया गया हैं।
उल्लेखनीय हैं कि सीहोर जिले में कई ऐसे धार्मिक, रमणिक व ऐतिहासिक स्थल हैं, जो देखरेख के आभाव में अपना मूर्त रूप खोते जा रहे हैं। इन्हीं स्थलो को विश्व पटल पर दर्ज करने के लिए जिले के पंचायत सीईओ हर्ष सिंह के द्वारा एक बुक तैयार कर जिलेभर के टूरिज्म स्थानों को शामिल किया हैं। उनका मानना हैं कि प्रचार-प्रसार के आभाव में जिले के कई ऐसे ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल हैं, जो थोड़े से प्रयास मात्र से ही विश्व पटल पर ना केवल दर्ज होगें बल्कि इनको विकसित करने इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा। सीईओ द्वारा तैयार की गई बुक का मुख्यमंत्री बीते दिवस विमोचन भी कर चुके हैं।
इन स्थानों को किया सूचीबद्ध
विध्यांचल पर्वत श्रृखला पर विरामित विजयासन धाम सलकनपुर, नर्मदा तट आंवली घाट का भीम कुंड, आदिवासी की प्राचीन धरोहर गिन्नौर गढ़ का किला, कोलार डेम, सुरई ढाबा का झोलियापुर डेम, भगवान बुद्ध का प्रसिद्ध स्थल सारू-मारू की गुफा, पहाड़ो में बसे टपकेश्वर महादेव, प्राचीन धार्मिक स्थल पातालेश्वर महोदव नीलकंठ धाम जैसे कई स्थलों को पर्यटक सूची मे शामिल किया जा रहा हैं।
टूरिज्म के साथ बढ़ेगा रोजगार
जिला प्रशासन की मंशा हैं कि प्रदेश के साथ ही अन्य प्रदेशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या इन स्थानों पर बढ़े, जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। इसके अलावा टूरिज्म बढऩे से सरकार की राजस्व आय में भी वृद्धि होगी।विशेष रूप से मुख्यमंत्री का यह विजन हैं, जिससे बुदनी विधानसभा के प्रमुख धार्मिक व पर्यटक स्थलों को विश्व पटल पर रखने के लिए जिला प्रशासन यह प्रयास कर रहा हैं।
कम खर्च कर में पर्यटक उठाएंगे लुप्त
जिला प्रशासन द्वारा पर्यटक स्थलों को इस तरह सूचीबृद्ध किया गया हैं कि यहां देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को ना केवल कम खर्च कर ऐतिहासिक धरोहर को देखने को मौका मिलेगा बल्कि कम समय में वह उक्त सारे स्थलों पर पहुंचकर यहां का लुप्त ले सकेगें। इन स्थलों पर विशेष बात यह रहेगी कि यहां से पर्यटक सीधे सतपुढ़ा की रानी पचमढ़ी व मढ़ई के स्थलों पर आसानी से पहुंच सकेगें।
इनका कहना है – जिले में प्राकृतिक एवं धार्मिक सम्पदाओं की भरमार हैं, यह स्थल पर्यटक स्थल के रूप में विकसित हो सकते हैं। जिससे आने वाले समय में यह पर्यटन का केंद्र बन जायेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ राजस्व आय में वृद्धि होगी। प्रचार-प्रसार के लिए जिला प्रशासन स्व सहायता समूह के माध्यम से हर रविवार टूरिज्म बस चलायेगा। जिसका प्रयोग नर्मदा जयंती पर किया जा चुका हैं। हर्ष सिंह जिला पंचायत सीईओ