सीहोर. विधानसभा चुनाव होने में अब महज 3-4 महीने का समय ही शेष बचा है. चुनावों का नजदीकी समय देख सीहोर विधानसभा में आरोप प्रत्यारोप की राजनीति शुरु हो गई है. एक दिन पहले कांग्रेस के वजनदार नेता पूर्व विधायक रमेश सक्सेना ने बयान देकर सीहोर की राजनीति में हलचल मचा दी है. इधर कांग्रेस नेता रमेश सक्सेना के बयानों पर आज शुक्रवार को भाजपा के असरदार नेता जसपाल सिंह अरोरा ने पलटवार किया है.
भाजपा नेता जसपाल सिंह अरोरा ने पूर्व विधायक रमेश सक्सेना के बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि नाम लेने में डर कैसा. मीडिया से चर्चा में भाजपा नेता जसपाल सिंह अरोरा ने कहा कि अब 4 महीने चुनाव ेमें रह गए हैं. 9 साल 8 महीने में यह सब नहीं दिखा क्या, आप डरते हो क्या, क्यों लेते नाम नहीं लेते. कौन है, जो ऐसा कर रहा है. मैं तो कह रहा हूं नाम बाताओ, कौन है. ऐसे व्यक्ति के खिलाफ मैं खुद धरना दूंगा उसके खिलाफ. मुख्यमंत्री जी से भी बात करुंगा.
विधायक बनने की तम्मना
भाजपा के असरनेता जसपाल सिंह अरोरा से जब मीडिया द्वारा पूछा कि सर्वे में आपका भी नाम है, क्या आप चुनाव लड़ेंगे. जिसके जवाब में जसपाल सिंह अरोरा ने कहा कि बिल्कुल चुनाव लड़ेंगे, यदि पार्टी मौका देगी तो. बीते 30 सालों से मेहनत कर रहे हैं. सभी पदों पर तो रह चुका हूं. सभी की तमन्ना रहती है कि विधायक बनने की. ये पार्टी को निर्णय करना है, क्या सर्वे हुआ है यह मुझे नहीं पता.
कांग्रेस नेता रमेश सक्सेना का बयान
एक दिन पहले पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता रमेश सक्सेना ने बयान दिया था कि राजनीति में आलोचना का अपना एक स्थान होता है, आलोचक सत्ता को आईना दिखाने वाले होते हैं. आलोचना करने वालों से द्वेषता नहीं पालना चाहिए. अपनी कमियों को सुधारना चाहिए. आजकल क्षेत्र में द्वेषता पूर्ण राजनीति का दौर चल रहा है, क्योंकि राजनीति पर अब पूंजीवाद हावी है. कुछ नेता सत्ता और पूंजी के अहंकार में ऐसे डूब गए हैं कि वह तनिक भी अपनी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. यह बात सच है कि सीहोर विधान सभा क्षेत्र विकास की बात करें तो पिछड़ता ही जा रहा है. बेहतर शिक्षण संस्थानए रोजगार के साधन क्षेत्र वासियों को नहीं मिल सकें है, कमीशन खोरी हावी है, घटिया निर्माण के चलते रोडें उखड़ रही हैं. जब क्षेत्रवासी आवाज उठाते हैं, सच को उजागर करते हैं तो उन पर झूठे मुकदमे दर्ज कर जेल भेजा जाता है. आजकल कुछ ऐसी ही राजनीति हावी हो गई है. राजनैतिक द्वेषता के कारण यह सब हो रहा है. श्री सक्सेना ने कहा कि वह लंबे समय तक क्षेत्र के विधायक रहेए लेकिन ऐसी ओछी मानसिकता के साथ कभी राजनीति नहीं की. क्षेत्र के लोगों को वह अपने परिवार की तरह से ही मानते हैं. चाहे वे किसी भी दल से ताल्लुक रखते हों. हमेशा लोगों के भले के लिए काम किया है. ये जो द्वेषता पूर्ण कार्रवाइयां हो रही इन्हें जनता भी देख रही है और समझ रही है. ये सत्ता की बौखलाहट है.