सॉरी सृष्टि … मेरे सीहोर के अफसरों ने किए थे हर संभव प्रयास

सीहोर. मॉफ करना ‘प्यारी सृष्टि’ हम तुम्हें नहीं बचा सके. लेकिन तुम्हें 300 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे से निकालने के लिए मेरे शहर सीहोर के अफसर-कर्मचारियों ने हर संभव प्रयास किए तो वहीं सीहोर जिले सहित संपूर्ण प्रदेश ने तुम्हें (सृष्टि) बोरवेल के गड्ढे से सकुशल निकालने के लिए सभी धर्मों के लोगों ने अपने ईष्ट से प्रार्थना भी की थी… पर सॉरी.
यह बात है पांच दिन पहले यानि छह जून की. मैं (नीतिन ठाकुर) भोपाल में था, तभी मेरे सूत्र से 2.30 बजे फोन आया कि सीहोर के नजदीकी ग्राम बड़ी मुंगावली में एक बालिका बोरवेल के गड्ढे में गिर गई है. मैंने देर नहीं की और तुरंत सीहोर पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी को फोन लगाया, उन्होंने कन्फर्म किया. मैं तुरंत भोपाल से बड़ी मुंगावली गांव के लिए निकल पड़ा. दोपहर 3 बजे मैं घटना स्थल पर पहुंच गया, वहां जाकर देखा तो पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी सहित अन्य अफसर मौके पर मौजूद थे. घटना स्थल पर ही माईनिंग ऑफिसर राजेन्द्र परमार को भी बुलाया गया उनसे संसाधन जुटाने की बात कही. माईनिंग ऑफिसर राजेन्द्र परमार ने भी देर नहीं की और महज 15 मिनट में ही मौके पर दो पोकलेन और जेसीबी मशीन पहुंच गई है. इसके बाद बोर के बाजू में खुदाई कार्य की शुरुआत हुई. इसके बाद और अधिक पोकलेन व जेसीबी मशीन की जरुरत पड़ी, जिस पर माइनिंग ऑफिसर राजेन्द्र परमार ने तीन पोकलेन और तीन जेसीबी, रोप ड्रील मशीन मंगवाई और खुदाई कार्य तेज हुआ.
खबर फ्लेश होते ही मची खलबली
मेरी इस खबर को जैसे ही एबीपी न्यूज ने फ्लेश किया तो देश भर में हल चल मच गई. सीहोर जिले सहित भोपाल से तमाम मीडियाकर्मी घटना स्थल पर पहुंच गए. शाम पांच बजे तक तो यह खबर मानों पूरे मध्यप्रदेश सहित देश में आग की तरह फैल गई. ढाई वर्षीय सृष्टि के सकुशल बाहर निकालने के लिए जहां प्रशासन एड़ी चोंटी का जोर लगा रहा था तो वहीं सभी लोग ईश्वर से सृष्टि की कुशलता के लिए प्रार्थना कर रहे थे. इधर रात बढ़ती जा रही थी, जिसके देखते हुए घटना स्थल रोशनी की व्यवस्था की गई.
मेरे सर भी आ गए घटना स्थल पर
मेरे सर श्री ब्रजेश राजपूत भी शाम 6.30 बजे घटना स्थल पर पहुंच गए. सर का एबीपी न्यूज पर लाइव हुआ. सर रात 10.30 बजे तक घटना स्थल पर ही रहे. इधर पूरी रात खुदाई कार्य चलता रहा. सुबह छह बजे एबीपी न्यूज पर मेरा लाईव हुआ. इधर मेरे सर श्री ब्रजेश राजपूत सुबह 7.00 बजे फिर घटना स्थल पर आ गए.
सीएम ने लिया एक्शन
बता दें सृष्टि को सकुशल बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ एसडीआरएफ प्रयासरत थे, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही थी. नतीजतन सुबह सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में एक्शन लिया और आर्मी को फोन किया, जिसकी सूचना बकायदा उन्होंने मीडिया को दी. कुछ देर बाद घटना स्थल पर सेना भी गई. लेकिन बचाव कार्य में पत्थर आने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. कंपन की वजह से सृष्टि और नीचे जा रही थी. नतीजतन हुक के माध्यम से बच्ची को निकालने का निर्णय लिया. पहला प्रयास एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने किया था, जिसमें सफलता नहीं मिली, दूसरा प्रयास आर्मी ने किया. यह प्रयास भी बेकार रहा. इधर गुजरात से भी रोबोटिक टीम आई और तीसरे प्रयास में ढाई वर्षीय सृष्टि को बाहर निकाल लिया गया.
एसपी-सीईओ एंबुलेंस से लेकर पहुंचे अस्पताल
सृष्टि के बोरवेल से बाहर आने के बाद पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी और जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी एंबुलेंस के माध्यम से सृष्टि को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने सृष्टि का चेकअप किया और मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों से यह सुनते ही पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी सहित तमाम मौजूद लोगों की आंखे भी नम हो गई.
आंखों में कटी अफसरों की रात
बता दें सभी प्रयासों के बाद भी ढाई वर्षीय सृष्टि को तो नहीं बचाया जा सके, लेकिन जिला प्रशासन के प्रयास सराहनीय रहे. घटना वाले दिन से ही पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी, जिला पंचायत सीईओ प्रभारी कलेक्टर आशीष सिंह घटना स्थल पर ही मौजूद रहे. दोनों अफसरों की दो रातें मीडियाकर्मियों के साथ आंखों में ही कट गई.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page