गांवों सहित शहरों में बिजली कटौती का दौर शुरु
सीहोर. अब से दो दशक पहले कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार को ले डूबने वाली बिजली कटौती एक बार फिर मध्यप्रदेश में अपना असर दिखाने लगी है. इसकी बानगी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में देखने को मिल रही है. बीते सप्ताह भर से गांवों सहित शहरों में लगातार बिजली कटौती हो रही है. यह बिजली कटौती जिलेवासियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. कटौती से परेशान होकर लोग अब कहने लगे कि कि बिजली कटौती सीहोर जिले के विधायकों की नैया न डुबो दे, जबकि चुनाव में अब महज आठ से नौ महीने शेष बचे हैं.
बता दें कि सीहोर जिला भाजपा का गढ़ हैं. तीन संसदीय क्षेत्रों में लगने वाले सीहोर में तीनों ही सांसद भाजपा के है. जहां रमाकांत भार्गव विदिशा से सासंद है तो वहीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भोपाल और देवास सांसद महेन्द्र सिंह सोंलकी. विदिशा संसदीय क्षेत्र में इछावर व बुधनी विधानसभा आती है, जबकि भोपाल में सीहोर और देवास में आष्टा विधानसभा क्षेत्र आता है. इसी तरह चारों विधानसभा पर भी भाजपा का कब्जा है. बुदनी विधानसभा से मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान स्वयं विधायक है. इछावर से करण सिंह वर्मा, सीहोर से सुदेश राय और आष्टा से रघुनाथ सिंह मालवीय विधायक है.
कटौती ने किया बेहाल
बता दें कि सप्ताह भर से सीहोर जिले में बिजली कटौती का दौर जारी है. खासतौर से यह बिजली कटौती सुबह के समय हो रही है. इसी समय गृहणियों को अपने बच्चों के लिए टिफिन व ऑफिस जाते अपने पतियों के लिए भोजन की व्यवस्था करना होती है, लेकिन बीते सप्ताह भर से गृहणियां बिजली कटौती से परेशान हो गई है. गांवों सहित शहर में बिजली कटौती का दौर जारी है. गुरुवार को ही जहां इछावर शहर मेंं सुबह आधे घंटे के लिए कटौती की गई तो सीहोर जिला मुख्यालय पर भी बिजली कटौती तीन बार गई और आई. इस दौरान कभी दस मिनट तो कभी आधे घंटे के लिए बिजली गुल हुई. इसी तरह सीहोर जिला मुख्यालय पर बीते दिन बुधवार को भी बिजली कटौती ने लोगों को परेशान किया था.
दिग्विजय शासन की आई याद
बता दें कि अब से दो दशक पहले भी बिजली कटौती ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया था. उस समय प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की सरकार थी. बिजली कटौती की वजह से लोगों ने कांग्रेस को नकार कर प्रदेश की सत्ता भाजपा को सौंपी थी. इन दिनों हो रही बिजली कटौती लोगों को दिग्विजय सरकार की याद दिलाने लगे हैं. कहीं ऐसा न हो यह बिजली कटौती भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन जाए.