सीहोर। करीब पांच दशक से राजनीति में सक्रिय पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता रमेश सक्सेना ने वर्तमान राजनीति के परिदृष्य को लेकर कहा कि मैंने हमेशा सदभाव की राजनीति की है, लोगों को जोडऩे का प्रयास किया है, मेरे कार्यकर्ता और सहयोगी हर जाति और धर्म के लोग हैं। जब मैं पहली बार चुनाव लड़ा था तब नारा दिया थाए कि राम रहीम की निकली सेना, जीतेगा रमेश सक्सेना। इस नारे से किसी को परहेज नहीं था, उस समय मुस्लिम को राम का नाम लेने में कोई दिक्कत नहीं रही और हिन्दू साथी भी यही नारा लगाते थे, लेकिन आज राजनीति में बहुत कुछ बदल गया है। लोगों के निजी हित अब ज्यादा हावी हो रहे हैं, सामाजिक सरोकार के विषय पीछे छूट रहे हैं। कुछ लोग राजनीतिक फायदे के लिए लोगों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। लोगों के मन में नफरत का बीज बो रहे हैं, लेकिन यह सब ज्यादा दिन नहीं चलता, जनता सब समझती है। पहले इस प्रकार की राजनीति नहीं होती थी। सक्सेना ने कहा कि मैं हमेशा सभी को साथ लेकर चला हूं। मेरा राजनीति में आने का उददेश्य समाज सेवा रहा। जन समस्याओं को हमेशा उठाता रहा हूं। और आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा। मेरे इन प्रयासों में जनता भी मेरे साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी रही है।