नसरुल्लागंज के इम्होटेप अस्पताल का मामला
सीहोर. नसरुल्लागंज के राला स्थित इम्होटेप अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रसूता नेहा के इलाज में लापरवाही की गई थी. अस्पताल में प्रशिक्षित स्टॉफ भी नहीं है. यह बात जिला प्रशासन द्वारा गठित पांच सदस्यीय जांच टीम ने अस्पताल प्रबंधन को सौंपे गए कारण बताओ नोटिस में लिखी गई है.
अस्पताल प्रबंधन को दिए गए नोटिस में बताया कि कार्यालय आदेश क्रमांक/स्थापना/2022/11727 सीहोर, दिहनांक 02.12.2022 के परिपालन में जिला स्तरीय निरीक्षण समिति डॉ. अंकित चाण्डक जिला स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव, स्त्री रोग विशेष डॉ. सुजाता परमार, गायत्री राव, अर्जुन सुखेजा द्वारा छह दिसंबर को इम्होटेप अस्पताल का प्रसूता की मृत्यु शिकायत के आधार पर निरीक्षण किया. निरीक्षण समिति द्वारा जांच में पाया कि अस्पताल संचालक द्वारा मापदण्डों के अनुसार अस्पताल का संचालन नहीं किया जा रहा है. अस्पताल का स्टॉफ पूर्ण रूप से प्रशिक्षित नहीं है. एक्स-रे तकनीशियन से आईसीयू में कार्य कराया जा रहा है जो कि एक गंभीर अनियमितता है एवं आईसीयू/पोस्टपार्टम वार्ड में बीएचएमएस चिकित्सक को पदस्थ कर कार्य कराया जा रहा है. वीरेन्द्र राजपूत जो कि नर्सिंग स्टाफ है जिनके काउंसिल का पंजीयन की वैद्यता समाप्त हो चुकी है. समिति द्वारा बताया गया कि अस्पताल के संचालक द्वारा मृतिका नेहा के इलाज में लापरवाही की गई, जिस उपरांत समिति द्वारा अनुशंसा की गई कि संचालक द्वारा शासकीय नियमों का पालन नहीं करने तथा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार स्टाफ पदस्थ नहीं करने के कारण वर्तमान में अस्पताल का पंजीयन समाप्त करना प्रस्तावित किया गया है. कारण बताओ नोटिस में अस्पताल प्रबंधन को साफ किया गया है कि एक माह में अपना अभिमत अद्योहस्ताक्षरकर्ता को समक्ष में उपस्थित होकर प्रस्तुत करेंगे. समय अवधि में एवं जबाव उत्तर संतोष्ज्ञजनक न होने की स्थिति में आपका पंजीयन निरस्त करते हुए आपके विरुद्ध न्यायालयीन कार्यवाही की जावेगी, जिसकी जबावदारी आपकी स्वयं की होगी.