303 दिन बाद एमपी में दौडऩे लगेगी मेट्रो

सीहोर. राजधानी भोपाल वासियों के लिए एक अच्छी खबर है कि 303 दिन मध्यप्रदेश में मेट्रो ट्रेन दौडऩे लगेगी. प्रदेश की भाजपा सरकार विधानसभा चुनाव से पहले भोपाल और इंदौर को यह सौगात देने जा रही है. इस प्रोजेक्ट के शुरु होने के बाद भोपाल व इंदौर में यातायात सुलभ हो सकेगा. 450 करोड़ रुपए की लगात से पहली मेट्रो टेन प्राथमिकता के आधार पर तैयार 6.225 किलोमीटर के कॉरीडोर में दौड़ेगी. परपल लाइन मेट्रो ट्रेन एम्स से सुभाषनगर तक संचालित होगी. शेष लगभग 11 किलोमीटर का कॉरीडोर करौंद चौराह तक अगले एक साल में तैयार होने की संभावना है.
87 फीसदी काम पूरा
बता दें कि भोपाल परियोजना के अंतर्गत दूसरा चरण में भदभदा चौराहे से मिनाल रेसीडेंसी के पास से जेके रोड होते हुए रत्नागिरी तिराहे तक संचालित होगी. शहर में मेट्रो प्राथमिकता कॉरीडोर का कार्य बहुत तेजी से किया जा रहा है, नंवबर माह की प्रगति रिपोर्ट के अनुसार में वायडक्ट का लगभग 87 फीसदी कार्य पूर्ण हो गया है. अगामी कुछ माह माह में बिजली संबधी कार्य पूर्ण किया जाएगा. प्राथमिकता कॉरीडोर के आठ स्टेशनों के निर्माण का कार्य गति भी तेज कर दी गई है. मप्र मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमीटेड ने सभी कार्यो की समय सीमा निर्धारित की है. समय सीमा के भीतर कार्य पूर्ण करने की हिदायत भी एजेंसियों को दी गई है. प्राथमिकता कॉरीडोर का कार्य अगस्त 2023 तक हर हाल में पूर्ण करना होगा, तब ही निर्धारित सितंबर 2023 में मेट्रो ट्रेन शुरू होगी.
आठ स्टेशनों से होकर गुजरेगी मेट्रो
मेट्रो के संचालन के लिए राजधानी भोपाल में आठ स्टेशन बनाए जा रहे हैं. जबकि भोपाल में एम्स से सुभाष नगर तक मेट्रो ट्रेन का संचालन किया जाएगा. इस कॉरीडोर में एम्स, अलकापुरी, हबीबगंज नाका, रानी कमलापति रलेव स्टेशन, एमपी नगर, डीबी माल, केंद्रीय स्कूल और सुभाष नगर तक की दूरी में कुल आठ स्टेशन होंगे. इन स्टेशन पर यात्रियों के लिए इंटरनेट सहित अन्य सुविधाएं देने की तैयारी है।
प्रोजेक्ट के यह काम अंतिम चरण में
बता दें कि फिलहाल मेट्रो प्रोजेक्ट के कई काम अंतिम चरण में आ गए हैं, जिनमें प्राथमिकता कॉरीडोर के आठ स्टेशनों का निर्माण कार्य सहित रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग और दूरसंचार की प्रणाली, डिपो सिविल और ई एंड एम वक्र्स, विद्युत आपूर्ति और कर्षण, लिफ्ट और एस्केलेटर कार्य लगभग पूर्ण होने की दिशा में आ गए हैं.
2020 में शुरु हुआ था काम
गौरतलब है कि प्रदेश में मेट्रो प्रोजेक्टर को लेकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने साल 2011 के 20 दिसंबर को निर्णय लिया था, जबकि इस परियेाजना को 30 सितंबर 2018 को मंजूरी दी गई थी और मेट्रो परियोजना काम कार्य साल 2020 में शुरु हो गया था. अब कार्य लगभग अंतिम चरणों में आ गया है. 2023 में होने जा रहे विधानसभा से पहले भाजपा की सरकार नागरिकों को यह सौगात देने जा रही है.

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