विधानसभा चुनाव में नुकसान न पहुंचा दे सीएम के जिले में भाजपा की फूट

सीहोर. साल 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी बहुत सतर्क. हर कदम फूंक-फूंक कर रही है. भाजपा इस चुनाव को एक मिशन के रूप में देख रही है, लेकिन स्वयं प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले में स्थिति उलट दिख रही है. सीहोर जिला मुख्यालय पर भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं की फूट अब खुलकर सामने आने के बाद चौक चौराहों पर आ पहुंची है. सीहोर भाजपा के बड़े नेता अपने होर्डिंग्स पोस्टरों के माध्यम से भाजपा की आपसी फूट को जगजाहिर कर रहे हैं.
अरोरा ने नहीं दिया सम्मान तो विधायक समर्थक भी भूले
नवंबर महीने में सीहोर जिला मुख्यालय के दो बड़े नेताओं के जन्मदिन आते हैं. 13 नवंबर को जहां पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष व पूर्व प्रदेश कार्य समिति सदस्य जसपाल सिंह अरोरा का जन्मदिन है तो वहीं 17 नवंबर को सीहोर भाजपा विधायक सुदेश राय का जन्मदिन भी आता है. दोनों ही नेताओं के जन्मदिन को लेकर शहर होर्डिंग्स पोस्टरों से सज गया है. हालांकि पहले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जसपाल सिंह अरोरा का जन्मदिन है तो लिहाजा शहर में पहले उनके होर्डिंग्स पोस्टर्स लगे हैं. अरोरा के पोस्टरों में सीहोर जिले के तमाम भाजपा नेताओं के फोटो लगाए गए हैं. हालांकि आपसी गुटबाजी के चलते अरोरा के पोस्टरों से विधायक सुदेश राय का फोटो नदारत है. इधर अब 17 नवंबर को मनाए जाने वाले विधायक सुदेश राय के जन्मदिन को लेकर भी शहर में होर्डिंग्स पोस्टर लगना शुरु हो गए हैं. अरोरा द्वारा विधायक कि की गई अनदेखी के बाद अब विधायक समर्थकों द्वारा लगाए गए पोस्टरों से भी अरोरा का फोटो गायब है. दोनों ही नेताओं की यह फूट अब सीहोर जिला मुख्यालय के चौक चौराहों पर आ पहुंची है, जो चर्चा का विषय बन गई है.
संगठन नहीं साध पाया भाजपाईयों
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में भाजपाईयों को एक रख पाने में संगठन काफी कमजोर नजर आया है. संगठन की इन कमजोरियों की वजह से सीएम के जिले सीहोर में भाजपाईयों की फूट सामने आ रही है. चर्चा है कि आने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा की यह फूट नुकसानदेय साबित हो सकती है. फिलहाल सीएम का जिले भाजपा का गढ़ माना जाता है. यहां चार विधानसभाएं आती है जिनमें सीहोर, बुदनी, आष्टा और इछावर. चारों ही विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा का कब्जा है. इसी तरह तीन संसदीय क्षेत्र जिनमें भोपाल, देवास और विदिशा. तीनों ही सीटों पर भी भाजपा के ही सांसद काबिज है. अब चर्चा है कि इस बार की फूट भाजपा के लिए नुकसान देय साबित हो सकती है. बता दें कि सीहोर भाजपा जिलाध्यक्ष के पद पर रवि मालवीय विराजमान है.

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