कम लोड बताकर तैयार कर रहे एस्टीमेट, शासन को लग रहा राजस्व का चूना

सीहोर..अवैध व वैध कालोनाइज ट्रासफार्मर लगवाने के लिए विद्युत वितरण कंपनी से मिलीभगत कर कम लोड का एस्टीमेट बनवा रहे हैं। जबकि मौके पर बताए गए प्लाटों से 50 फीसद तक अधिक प्लाट बेच देते हैं। इससे लगवाए गए ट्रांसफार्मर में लोड बढ़ जाता है, जिससे उपभोक्ता को कनेक्शन के लिए अधिक राशि तो देनी ही पड़ती है। साथ ही लोड बढ़ जाने से आए दिन फाल्ट सहित गंभीर दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। कई बार मकानों में फाल्ट होने से गृहस्थी तक खाक हो जाती है। इतना ही नहीं कम लोड का एस्टीमेट बनवाकर शासन को राजस्व की हानि भी पहुंचाई जा रही है।
जानकारी के अनुसार गणेश मंदिर के पास, मंडी क्षेत्र, सैकड़ाखेड़ी से लगी हुई अवैध कालोनियों में जहां बिजली सप्लाई के लिए नियमों की अनदेखी कर ट्रासफार्मर व पोल लगवाए जा रहे हैं, वहीं भू स्वामी को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया जा रहा है। क्योंकि कनेक्शन के लिए बिजली सप्लाइ व ट्रासफार्मर दिखाकर प्लाट तो बेच दिए जाते हैं, लेकिन जब क्षमता से अधिक प्लाट बिक जाते हैं, तो ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ जाता है। क्योंकि विद्युत वितरण कंपनी से एस्टीमेट बनवाते समय कालोनाइजर कम प्लाट बताकर एस्टीमेट बनवा कर राशि बचा लेते हैं, वहीं शासन को राजस्व की हानि पहुंचा देते हैं। जब लोड अधिक होता जाता है तो मकान मालिक फाल्ट सहित अन्य समस्याओं से जूझता है। वहीं बिजली कंपनी लोड अधिक बताकर कनेक्शन देने में आनाकानी करती है। जिससे कई बार उपभोक्ता को अधिक कीमत चुकानी पड़ती है, वहीं लोग अधिक होने से कई बार मकान में फाल्ट हो जाता है, जिससे घर-गृहस्थी का सामान जलने से गंभीर दुर्घटना तक की नौबत आ जाती है। इतना ही नहीं आए दिन खंबो में आग लगने की भी ओवरलोड के कारण घटनाएं होती रहती हैं।
जांच के नाम पर लीपापोती

कमिश्न ने अवैध व बिना सुविधाओं के काटी गई कालोनियों में बिजली कंपनी को खंबे व ट्रांसफार्मर नहीं लगाने के निर्देश दिए थे, लेकिन निर्देशों को अवहेलना करते हुए अवैध कालोनाइजर व विद्युत वितरण कंपनी की मिली भगत से जहां बिना स्वीकृति के पोल गाड़ दिए गए है, वहीं कई अवैध कालोनियों में ट्रांसफार्मर लगा दिए गए। हालांकि बिजली लाइन व ट्रांसफार्मर लगने के बाद विद्युत वितरण कंपनी के पहले स्थानीय और उसके बाद भोपाल का दल निरीक्षण करता है, लेकिन कार्रवाई करने की जगह मिली भगत से लीपापोती कर दी जाती है, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है। जबकि दस से अधिक कालोनियों में एसी स्थिति बनी हुई है।
कई कालोनियों में कनेक्शन के लिए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं, लेकिन कहीं ओवरलोड की स्थिति बन रही है, तो इसकी जांच करार्ई जाएगी। साथ ही ऐसे कालोनाइजर पर कार्रवाई की जाएगी।

सुमित अग्रवाल, डीजीएम विद्युत वितरण कंपनी सीहोर

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