सीहोर – देवास जिले का रेत माफिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र की किरकिरी करा रहा है।
एनजीटी ने एक याचिक पर सुनवाई करते हुए छीपानेर और चौरसाखेड़ी में अवैध उत्खनन को लेकर सभी पक्षों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। इसके साथ ही कलेक्टर की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की है। समिति को मौके का निरीक्षण कर डेढ़ महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। दरअसल छीपानेर घाट लीज पर नहीं दिया गया है यह अवैध खदान है। छीपानेर सीहोर और देवास जिले की सीमा पर स्थित है। इंदौर से नजदीक होने के चलते यहा पर देवास जिले का रेत माफिया पूरी तरह सक्रिय है। वो देवास जिले के प्रशासन से साठगांठ कर छीपानेर में अवैध उत्खनन करता आया है। रेत के परिवहन को लेकर रेत माफिया ने कच्चे पुल का भी निर्माण कर लिया था। जिसको सीहोर जिला प्रशासन ने दो बार दल भेजकर तुड़वाया इसके साथ ही प्रशासन ने रेत माफियाओं पर ताबड़तोड़ कार्रवाही भी की साथ ही देवास जिले के ग्रामीणों ने भी अवैध परिवहन का विरोध किया। जिसके चलते देवास के रेतमाफियों का अवैध कारोवार बंद हो गया। देवास जिले के रेत माफिया ने पहले छीपानेर में जमकर अवैध उत्खनन किया और अब याचिका लगवाकर कोर्ट को गुमराह कर । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र की किरकिरी करा रहा है। इतना ही नहीं देवास जिले का प्रशासन भी रेत माफियाओं का भरपूर सहयोग कर रहा है। प्रशासन ने संदलपुर चौराहे पर आज तक माइनिंग की जांच चौकी स्थापित नहीं की है। जिसके चलते रेत माफिया बेरोकटोक रेत का परिवहन कर रहे है।