मध्यप्रदेश में अधिकारी सरकार पर भारी पड़ते है। इसकी एक बानगी देवास जिले के खनिज अधिकारी मो आरिफ खान है। आरिफ खान वर्तमान में देवास जिले में पदस्थ है। आरिफ खान वैसे तो जिओलॉजिस्ट है लेकिन लम्बे समय तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में पदस्थ रहे। इस दौरान आरिफ खान ने अवैध उत्खनन को लेकर मुख्यमंत्री और तत्कालीन कलेक्टर की खूब किरकिरी कराई थी। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद आरिफ खान को फिल्ड पोस्टिंग से हटाकर खनिज मुख्यालय भोपाल भेजा गया था। लेकिन कांग्रेस सरकार बनते ही आरिफ खान सबको ठेंगा दिखाते हुए दोबारा सीहोर जिले में पदस्थ हो गए। इस बीच कांग्रेस की सरकार गिर गई। शिवराज सरकार बनते ही फिर आरिफ खान को फिर मुख्यालय भेज दिया गया। लेकिन एक बार फिर आरिफ खान सरकार पर भारी पड़े विरोध के वाबजूद वे मुख्यमंत्री के पड़ोसी जिले देवास जिले में पोस्टिंग पाने में सफल हुए। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री जिओलॉजिस्ट को खनिज अधिकारी बनाने के बिल्कुल भी पक्ष में नहीं है।
जिओलॉजिस्ट का काम खनिज संपदा की खोज करना है। ताकि रोजगार के नए अवसर पैदा हो। आरिफ खान भी
जिओलॉजिस्ट है प्रशानिक अनुभव की कमी के चलते वे अवैध उत्खनन पर रोक लगाने में अक्षम है। NGT भी उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर चुका है। अब देखना होगा कि सरकार जिओलॉजिस्ट आरिफ खान के अनुभव उपयोग करेगी या फिर आरिफ खान ऐसे ही फिल्ड में जमे रहेंगे।