सीहोर। युवक की हत्या और नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की बात को लेकर जयस संगठन के नेतृत्व में आदिवासी समुदाय के लोगों ने शाहगंज थाने का घेराव कर प्रदर्शन किया था। जिनकी मांग थी कि आरोपियों पर हत्या और दुष्कर्म का मामला दर्ज किया जाए। उक्त घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने डीजीपी विवेक जोहरी को पत्र लिखकर आरोपियों पर कार्यवाही की मांग उठाई है। साथ ही घटना में त्वरित कार्यवाही नही करने पर जिमेदार अधिकारियों पर भी अनुशासनात्मक कार्यवाई की मांग की है।
पत्र में कहा कि है कि मैं बुधनी विधानसभा अन्तर्गत ग्राम मछवाई में बैतूल जिले के एक आदिवासी युवक की संदिग्ध मौत के मामले की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाह रहा हॅू। इस मामले में आदिवासी वर्ग की नाबालिग लड़कियों ने दुष्कृत्य किये जाने की शिकायत की है। पीडि़तों द्वारा की गई शिकायत के बाद भी विगत 2 माह में पुलिस एफआईआर दर्ज नही कर सकी है। बैतूल जिले की घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक ब्रम्हा भलावी सहित आदिवासी युवा परिषद और जयेश संगठन के युवाओं ने ‘‘मछवाई कांड’’ पर आरोपियों के विरूद्ध शीघ्र कार्यवाही की मांग को लेकर एसपी बैतूल, एसपी सीहोर सहित उच्च स्तर पर ज्ञापन सौंपकर हमलावरों और कुकृत्य के आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।
ग्राम डुल्हारा, तहसील घोड़ाडोंगरी, बैतूल निवासी आदिवासी युवक विनोद उइके और गांव की 5 लड़कियों के साथ माह जुलाई 2021 को धान के खेतों पर काम करने के लिये संजू सिंह चैहान लेकर अपने मछवाई ग्राम आया था। बच्चियों ने पुलिस को बयान दिये है कि उनके साथ यौन दुव्र्यवहार किया गया है। घटना के गवाह विनोद उईके को मारा-पीटा गया, घातक चोंटे लगने से उसकी मौत हो गई। बाद में आरोपियों ने सांप के काटने से मृत्यु होना बताया। पोस्टमार्टम भी बिना परिजनों की उपस्थिति के किया गया। बैतूल पुलिस ने अंतिम संस्कार के पूर्व शव के फोटो भी नहीं लेने दिये।
यौन प्रताड़ना का शिकार बनी अबोध बच्चियों का डर जब खत्म हो गया तो उन्होने घरवालों को घटना बताई तो परिवार ने बैतूल पुलिस को शिकायत की। आदिवासी समाज के लोगों ने पीडि़त परिवारों के साथ बैतूल-सीहोर जिले में शाहगंज और जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर मामला दर्ज करने की मांग की है। पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है। मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र बुधनी विधानसभा से जुड़ा होने के कारण पुलिस दबाववश एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। विगत कुछ माह में देवास जिले में नेमावर, नीमच, खरगोन जिलों में अनुसूचित जनजाति वर्ग पर अत्याचार की वारदातें हुई है। जिससे प्रदेश के वंचित वर्ग में व्यवस्था के प्रति आक्रोश पनप रहा है।मेरा आपसे अनुरोध है कि प्रदेश के आदिवासी वर्ग को कानूनी संरक्षण देते हुए मछवाई मामले में पीडि़त नाबालिग बच्चियों के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की जाये तथा जिन पुलिस अधिकारियों ने अनुसूचित जनजाति वर्ग संबंधित प्रताड़ना के मामले में त्वरित कार्यवाही नहीं की है, उन पर विभागीय स्तर से अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाये।