भोपाल: भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1985 बैच के वरिष्ठ अधिकारी राधेश्याम जुलानिया वर्तमान में मंत्रालय में ओएसडी हैं। गत 2 मार्च को उन्हें ओएसडी बनाकर मंत्रालय में तैनात किया गया था।
लगभग 4 माह होने आ गए हैं जुलानिया को मंत्रालय में कोई जवाबदारी नहीं दी गई है। जुलानिया तेजतर्रार अधिकारी के रूप में माने जाते हैं लेकिन इन दिनों सरकार से उनकी पटरी नहीं बैठ रही है इसलिए वे गर्दिश में हैं।
अगर यूं कहा जाए कि सरकार उन्हें बिना काम के मोटी तनखा दे रही है तो गलत नहीं होगा। जुलानिया इसी साल सितंबर माह यानी 3 महीने बाद रिटायर हो रहे हैं। सरकार जिस तरह से उनसे नाराज है उसे देखकर माना जा रहा है कि सरकार उन्हें कोई जवाबदारी देने के मूड में नहीं है। तो क्या जुलानिया ऐसे ही OSD के रूप में रिटायर हो जाएंगे?
आपको याद होगा कि ये वे ही जुलानिया है एक समय जिनकी गिनती पावरफुल ब्यूरोक्रेट के रूप में होती थी। वे परिणाम देने वाले अधिकारियों में जाने जाते रहे है लेकिन भारत सरकार में खेल मंत्रालय में पदस्थापना के दौरान केंद्रीय खेल मंत्री किसी मामले को लेकर उनसे नाराज हो गए थे और उनकी दिल्ली से विदाई रातों-रात की गई। इसीलिए जब वे मध्य प्रदेश सरकार में आए तो उन्हें यहां भी कोई जवाबदारी नहीं दी गई। यहां भी सरकार उनके कुछ कारनामों को लेकर नाराज बताई जा रही है।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जुलनिया OSD के रूप में ही रिटायर होंगे या रिटायरमेंट के पहले सरकार उन्हें किसी पद पर पदस्थ कर सम्मानजनक बिदाई करेंगी?