भोपाल… देश में मप्र कैडर के ब्यूरोक्रेट्स को कर्तव्यनिष्ठ और बेहतर अधिकारी माना जाता रहा है। पिछले डेढ़ दशक में प्रदेश में ऐसे ब्यूरोक्रेट्स हाशिए पर रखे गए हैं जो जनता के बीच में लोकप्रिय और ईमानदार हैं। ऐसे अफसरों को फुटबॉल बनाकर यहां से वहां ट्रांसफर हो रहा है। पोस्टिंग से नाराज कई अफसर प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए हैं। वहीं कई जाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। एक युवा आईएएस अधिकारी की कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी नेताओं एवं भ्रष्ट अधिकारियों की आंख की किरकिरी बन गई है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले साढ़े 4 साल में जांगिड़ का 8 बार तबादला किया जा चुका है। इससे परेशान उक्त अफसर ने अपने गृह राज्य महाराष्ट्र कैडर के लिए 3 साल की प्रतिनियुक्ति मांगी है। 2014 बैच के आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ की आप बीती है।
साढ़े 4 साल के कार्यकाल में जांगिड़ को सरकार ने जहां पदस्थ किया है, वहां उन्होंने जनता के बीच विश्वास अर्जित किया। कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी के कारण जांगिड़ व्यवस्था में व्याप्त भर्राशाही को समाप्त करने के लिए कठोर कदम उठाते हैं, ताकि जनता तक सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके। लेकिन व्यवस्था में घुन की तरह बैठे नेता और अफसर यह पसंद नहीं करते हैं। इस कारण उनका बार-बार तबादला कर दिया जाता है। इससे परेशान होकर जांगिड़ मप्र से पयालन करने जा रहे हैं।
-ब्यूरोक्रेट्स का उठा भरोसा
करीब एक दशक पहले तक मप्र कैडर में आना हर ब्यूरोक्रेट्स का सपना होता था। लेकिन अब राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ने और काम करने की आजादी नहीं होने के कारण प्रदेश में पदस्थ आईएएस अफसरों का मप्र से भरोसा उठ गया है। अब सीनियर से लेकर जूनियर आईएएस प्रदेश से पलायन कर रहे है। प्रदेश से आईएएस अधिकारियों के मोहभंग का प्रमुख कारण अफसरों पर दिन-प्रतिदिन बढ़ते राजनीतिक हस्तक्षेप को माना जा रहा है। पिछले कुछ अर्से से एक के बाद एक कई अफसरों ने दिल्ली की राह पकड़ीद। यह अधिकारी जल्द प्रदेश भी लौटने के इच्छुक नहीं हैं। प्रशासनिक सूत्रों की माने तो देश में मप्र ही ऐसा राज्य है जहां ट्रांसफर पोस्टिंग के कोई नियम नहीं है। अधिकारी राजनैतिक दबाव में प्रताडित हो रहे हैं।
-सिस्टम की प्रताड़ना के शिकार हुए जांगिड़
2014 बैच के आईएएस अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ भी उन अधिकारियों में शामिल हैं जो सिस्टम की प्रताड़ना से तंग आकर मप्र से जाने का मन बना चुके है। जांगिड़ ने पारिवारिक कारणों का हवाला देकर महाराष्ट्र कैडर के लिए 3 साल की प्रतिनियुक्ति मांगी है। केंद्र और महाराष्ट्र सरकार की ओर से उन्हें हरी झंडी मिल चुकी है। अब मप्र सरकार से हरी झंडी मिलना बाकी है।
-जनता के बीच लोकप्रिय
दरअसल लोकेश कुमार जांगिड़ की गिनती ईमानदार और तेजतर्रार आईएएस अधिकारी में की जाती है। लोकेश जहां भी पोस्टेड रहे हैं जनता के बीच उन्होंने कुशल कठोर प्रशासनिक अधिकारी की छाप छोड़ी है। पोस्टिंग के दौरान वे एसी चेंबर से निकलकर फिल्ड पर ज्यादा रहते है। लोकेश को जितना जनता पसंद करती है उतना ही राजनेता और अधिकारी उन्हें नापसंद करते है। लोकेश का चार साल में 8 बार ट्रांसफर हो चुका है। इस बार लोकेश अपने 40 दिन में हुए ट्रांसफर से मायूस हो गए और उन्होंने मप्र छोडऩे का मन बना लिया। लोकेश को सरकार ने कोरोना के नियंत्रण के लिए बड़वानी में अपर कलेक्टर के पद पर पोस्टेड किया था। इस दौरान लोकेश को कोरोना प्रभारी बनाया गया। लोकेश ने जिले में कोरोना को तो नियंत्रण कर लिया। इसके साथ ही वे वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को भी नियंत्रित करने की भूल कर बैठे, और यह भूल उनको भारी पड़ गई। नतीजा 40 रोज के अंदर उन्हें वापस भोपाल बुला लिया गया। सूत्रों की माने तो बड़वानी में कोरोना महामारी में उपकरणों की खरीदी में भारी हेरफेर हुआ था। 39 हजार के ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर 60 हजार में खरीदे गए। इसके साथ ही अन्य उपकरणों की खरीदी में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ था। लोकेश ने चार्ज लेते ही भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगा दी थी। लोकेश की कार्यप्रणाली सिस्टम के ही लोगों को रास नहीं आई और उन्हें रातोरात हटवा दिया गया।
-चैट हुआ वायरल
सिस्टम की पोल खोलता एक चैट वायरल हो रहा है। यह चैट आईएएस एसोसिएशन के ग्रुप से हुआ है। चैट के दौरान इस बात का जिक्र किया गया है कि किस तरह एक अफसर को ईमानदारी की सजा मिली है। चैट में नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के भ्रष्टाचार की बातें भी सामने आई हैं।
-सीनियर आईएएस भी प्रताडऩा से अछूते नहीं
कभी सरकार के संकट मोचक रहे सीनियर आईएएस मनोज श्रीवास्तव भी सिस्टम का शिकार हुए है। श्रीवास्तव को रिटारमेंट से 21 रोज पहले पंचायत विभाग से अलविदा कर दिया गया। शिवराज सरकार के बहुत करीब रहे आईएएस अधिकारी की फजीहत से दूसरे आईएएस भी आसुरक्षित महसूस कर रह हैं। ऐसे कई आईएएस अधिकारी हैं जो आज साइड लाइन कर दिए गए हैं।
जांगिड़ की अब तक पदस्थापना
एसडीएम – विजयपुर
एसडीएम – शहडोल
अवर सचिव राजस्व
उपसचिव नगरीय प्रशासन
सीईओ जिला पंचायत – हरदा
अपर कलेक्टर – गुना
अपर मिशन संचालक राज्य शिक्षा केंद्र
अपर कलेक्टर – बड़वानी
अपर मिशन संचालक राज्य शिक्षा केंद्र
इनका कहना है
ट्रांसफर-पोस्टिंग राज्य शासन का विशेषाधिकार है। बड़वानी से ट्रांसफर के बाद मैंने 11 जून को 3 साल के लिए महाराष्ट्र कैडर में प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन किया है- लोकेश कुमार जांगिड़ ।