सीहोर। कुछ दिनों से लगातार सूचनाएं मिल रही थी कि सीहोर-इछावर रोड पर स्थित अल्फा प्रोटिन प्रलि फैक्ट्री पर अवैध रूप से जलाउ सतकट प्रजातियों का परिवहन कर स्टाॅक किया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल फैक्ट्री को संचालिक करने में किया जाता है। इन सूचनाओं के आधार पर बुधवार को उप वनमण्डलाधिकारी सीहोर से सर्च वारंट की मांग की गई, जिसके बाद गुरुवार को समस्त वन परिक्षेत्र के स्टाॅफ व वन परिक्षेत्र सीहोर, आष्टा और इछावर के स्टाॅफ के साथ अल्फा प्रोटिन प्रलि फैक्ट्री पंहुचकर उपवनमण्डलाधिकारी सीहोर की उपस्थिति में सर्च वारंट तामील कराया गया व समस्त स्टाॅफ के द्वारा फैक्ट्री के पूरे कैम्पस की जांच की गई। इस दौरान फैक्ट्री में किसी भी स्थान पर कोई भी अवैध रूप से संग्रहित की गई लकड़ियां नहीं पाई गई। फैक्ट्री उपस्थित कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा सोयाबीन व चने के भूसें द्वारा तैयार की गई भूसे के गट्टे (ब्रिगेड) का इस्तेमाल फैक्ट्री को संचालित करने में किया जाता है। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि इन भूसे द्वारा तैयार की गई ब्रिगेड बनाने के लिए फैक्ट्री के पास में ही अन्य स्थान पर ब्रिगेड बनाने की फैक्ट्री लगाई गई है, जहां पर किसानों से भूसा लेकर ब्रिगेड का निर्माण किया जाता है। जिसका उपयोग फैक्ट्री को संचालित करने में किया जाता है। इसका सत्यापन भी मौके पर जाकर किया गया।
लकड़ी का उपयोग नहीं करने की दी चेतावनी
इछावर रेंजर राजकुमार शिवहरे ने बताया कि इसके पूर्व ही उप वनमण्डलाधिकारी सीहोर द्वारा उनके पत्र से इसी फैक्ट्री की जांच के संबंध में निर्देशित किया गया था। 2019 में इस फैक्ट्री की जांच वन परिक्षेत्र इछावर के कर्मचारियों द्वारा की गई थी। उस समय इस फैक्ट्री में 3-4 ट्राली जलाऊ लकड़ियों का संग्रहण पाया गया था, उस समय जलाऊ सतकट प्रजातियों के परिवहन को टीपी मुक्त किया गया था, जिस कारण उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। वहीं गुरुवार को उक्त फैक्ट्री मालिक को दूरभाष पर मेरे द्वारा समझाईश दी गई है कि कोई भी काष्ठ बिना टीपी के फैक्ट्री अंदर न ली जाए। यदि भविष्य में आपके द्वारा कोई भी काष्ठ बिना टीपी के ली जाती है, तो आपके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
वही फैक्ट्री के सचालक आशीष गोयल का कहना है हमारी फेक्ट्री मै लडकी से नही भूसे से बने ब्रिगेड से काम होता है।जो शिकायत हुई है वह निराधार है कुछ लोग सस्था को बदनाम करने का प्रयास कर रहे है।