भोपाल/। मप्र में भले ही अभी विधानसभा के आम चुनाव होने में दो साल का समय है, लेकिन भाजपा की शिव सरकार अभी से चुनावी मोड में नजर आने लगी है। यही वजह है कि पांव-पांव वाले भैया के नाम से प्रसिद्ध मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब गांव-गांव के हर व्यक्ति से जुड़ने की रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है। यही नहीं अब सरकार ऐसी योजनाएं बना रही है जिनसे सीधे जनता से जुड़कर उसे सरकार की किसी न किसी योजना का लाभ दिया जा सके। इन्हीं प्रयासों के तहत अब सरकार ने मिशन ग्रामोदय कार्यक्रम शुरू किया है। इसकी शुरूआत बीते रोज से कर दी गई है। पहले ही कार्यक्रम में प्रदेशभर में सवा लाख ग्रामीण परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत गृह प्रवेश करवाया गया है। इस कार्यक्रम के जरिए लाखों लोगों को मुख्यमंत्री से सीधे आनॅलाइन के माध्यम से जोड़ा गया है। हालांकि फिलहाल इस कार्यक्रम को प्रदेश में जल्द होने वाले नगरीय और पंचायत चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। यही वजह है कि इस ग्रामोदय कार्यक्रम से सीधे लोगों को जोड़ने के लिए शासन स्तर से वृहद प्रयास किए गए थे। इसमें हितग्राहियों के अलावा किसानों, श्रमिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, विद्यार्थियों और अन्य नागरिकों को जोड़ने के लिए उनके मोबाइल पर एसएमएस भेजे गए। यही नहीं लोगों को जोड़ने के लिए रणनीति के तहत प्रदेशभर के विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों, ग्राम पंचायत के सचिवों और ग्राम रोजगार सहायकों की भी मदद ली गई है।
मिशन ग्रामोदय का लक्ष्य
मिशन ग्रामोदय कार्यक्रम ग्रामीणों को विकास की सौगातें देने के लिए तैयार किया गया है। इसके तहत प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों को आधारभूत सुविधाओं के साथ ही जरूरतमंदों को आवास की सौगात देने की अवधारणा पर कार्य किया जा रहा है। इसके तहत आयोजित पहले ही कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा हितग्राहियों को सवा लाख आवासों में प्रवेश दिलाया गया। इसी तरह से एक साथ साढ़े 10 हजार से अधिक सामुदायिक निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी किया गया। इसी तरह से 6 हजार सामुदायिक स्वच्छता परिसर, 2 हजार खेल मैदान, 2 हजार शांति धाम और 634 पंचायत भवनों का भी लोकार्पण किया गया। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के 5 लाख हितग्राहियों को 2 हजार करोड़ राशि की विमुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू की गई।
किस पर कितना खर्च
प्रधानमंत्री आवास के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं में निर्मित 10 हजार 634 अन्य सामुदायिक निर्माण कार्यों पर 1562 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसी तरह से स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत 180 करोड़ रुपए खर्च कर 6 हजार सामुदायिक स्वच्छता परिसर, 86 करोड़ 96 लाख रुपए 634 पंचायत भवन निर्माण पर खर्च किए गए हैं।
सोशल मीडिया को बनाया माध्यम
लोगों से सीधे जुड़ाव के लिए रणनीति के तहत पंचायत पदाधिकारियों, प्रधानों, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्यों, अधीनस्थ अधिकारियों, कर्मचारियों और ग्रामीणजन को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर प्री-रजिस्ट्रेशन लिंक शेयर की गई। इसके अलावा फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम से भी लोगों को जोड़ा गया। मोबाइल पर एसएमएस देकर भी सीएम को सुनने के लिए प्रोत्साहित किया गया।