एक बार फिर मध्य प्रदेश के इन इलाकों में होगी जोरदार बारिश, यहां जानें कब साफ होगा मौसम

भोपाल। पिछले तीन दिनों से मध्यप्रदेश का मौसम लगातार बदल रहा है. 13 और 14 मार्च को आंधी-तूफान, बारिश और ओलावृष्टि होने के बाद एक बार फिर तेज बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि आने वाले दो दिनों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश और ओले गिर सकते हैं. इसको लेकर अलर्ट भी जारी किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों में मौसम का मिजाज बदलेगा और बुधवार से तापमान में गिरावट होने के साथ बारिश के आसार हैं. इन इलाकों में हो सकती है बारिश
मौसम विभाग के अनुसार 16 मार्च को एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है. इसके चलते 17 मार्च की शाम से पश्चिमी मध्यप्रदेश के भोपाल, होशंगाबाद और उज्जैन संभाग में बादल छाने के साथ ही गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना है. इसके बाद 18 मार्च को जबलपुर, सागर और रीवा संभाग में भी हल्की बारिश हो सकती है. रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला 19 मार्च तक बना रह सकता है. 20 मार्च से मौसम साफ होने लगेगा. 
इन इलाकों में हो सकती है बारिश
पश्चिमी विक्षोभ की वजह से 17 और 18 मार्च को इंदौर संभाग के साथ खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, हरदा में बारिश होने के आसार हैं.
इस वजह से बदल रहा मौसम का मिजाज
मौसम विभाग के अनुसार एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान पर सक्रिय है. लिहाजा उसके प्रभाव से पूर्वी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बन गया है, जबकि एक ऊपरी हवा का चक्रवात उत्तर-मध्य महाराष्ट्र पर बना हुआ है, जिससे तेज हवाओं के साथ नमी भी आ रही है. यही वजह है कि राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर दोपहर तक तो धूप बनी रहती है. शाम होते-होते आंशिक बादल छाने लगते हैं.
किसानों की बढ़ेगी चिंता
बता दें कि राज्य के कई इलाकों में पिछले दो दिन तक बारिश और ओलावृष्टि हुई है मौसम में अचानक हुए बदलाव की वजह से खेतों में खड़ीं गेहूं, चना, मसूर, की फसल को ज्यादा नुकसान पहुंचा है. विदिशा, होशंगाबाद, हरदा, मालवा अंचल, महाकौशल-विंध्य, ग्वालियर चंबल अंचल, दतिया और श्योपुर में खेतों में खड़ी फसलें आड़ी हो गईं. ऐसे में एक बार फिर किसानों की चिंता बढ़ने वाली है. 
शिवराज सरकार ने किया यह ऐलान
मध्यप्रदेश में तेज बारिश और ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का आंकलन कराने के निर्देश शिवराज सरकार ने दे दिए हैं. कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि वीडियोग्राफी से फसलों के नुकसान का आकलन किया जाएगा. इसके बाद किसानों को मुआवजा राशि दी जाएगी.

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