सीहोर नितिन ठाकुर … वनरक्षक किशोरी टोपो का काम जोखिम भरा है। घना जंगल और टाईगर मूवमेंट इलाके में वह बेखोफ गश्ती करती हैं। वनपरिक्षेत्र सीहोर के टाईगर मूवमेंट क्षेत्र वीरपुर रेंज में घने जंगल में वह दिन तो कभी रात्री गश्ती करती हैं। सारस और लावाखाडी उनकी बीट है। जंगल उनका घर है और जंगली जानवरों से उन्हें डर नहीं लगता है। टाईगर से कई बार सामना हुआ लेकिन वह घबराई नहीं हर विषम परिस्थिती का डटकर मुकाबला किया।
समाज में उन्होंने अदम्य साहस की मिशाल पेश की है। महिलाओं और युवतियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।
जंगल की पहरीदार करते बीते 18 साल
जिले में किशोरी टोपो एक अकेली महिला वनरक्षक हैं जो बीट में डयूटी करती हैं। करीब 18 साल से वह बीट डयूटी कर जंगलों की पहरीदारी कर रही हैं। उनका 12 साल का एक बेटा है जो उनके साथ ही रहता है। किशोरी वर्ष 2000 में वनविभाग में वनरक्षक भर्ती हुई दो साल टे्रनिंग के बाद वर्ष 2004 में लाडकुई रेंज में उन्हें नयापुरा, सनकोटा बीट उन्हें मिली। वर्ष 2010 से टाईगर मूवमेंट क्षेत्र वीरपुर रेंज में वह घने जंगल में जंगली जानवरों के बीच अपनी डयूटी कर रही हैं।
वह कहती हैं जंगल उनका घर है और जंगली जावरों से उन्हें कोई डर नहीं बेशकीमती सागौन को चुराने वाले, शिकारी और जंगल में आग लगाने वालों को वह रोजाना खोजती हैं। किशोरी बताती हैं कि 2016 में लावाखाडी बीट में सूचना मिली कि एक चरवाहे को टाईगर ने हमला किया है, टीम के साथ स्पाट पर जब अगले दिन पहुंचे तो झाडिया में टाईगर बैठा था। ऐसी स्तिथि में घबराकर नहीं सूझबूझ से काम लेना पड़ता है।