8 करोड़ रु. मजदूरों का भुगतान अटका सीएम के गृह जिले में

सीहोर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगारी गांरटी योजना में 8 करोड 92 लाख रुपए का भुगतान अटक गया है। एक और कोरोना क्राईसेस मेंनेजमेंट की बैठक में शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि मजदूर अन्य प्रदेशों में काम के लिए नहीं जाए उन्हें जिले में ही काम मुहैया कराया जाएगा तो वहीं दूसरी और सीएम के गृह जिला सीहोर में ही बीते एक माह से मनरेगा में कार्यरत मजदूरों को मेहनताना नहीं मिला है। लंबे समय से भुगतान न होने से मजदूरों की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। जिनका कहना है कि परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। अफसरों का कहना है कि फंड की कमी के चलते यह हालात बने हैं, केन्द्र से ही भुगतान अटका पड़ा है। 
     1600 कार्य में 19 हजार मजदूर 
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिलेभर में वर्तमान स्थिति में मनरेगा के तहत करीब 1600 कार्य चल रहे हैं जिनमें 19 हजार जाबकार्डधारी मजदूर कार्यरत हैं। जिन्हें करीब एक माह से मजदूरी का भुगतान नहीं मिला है। ग्राम बिलकिसगंज के मनरेगा मजदूर शनिराम बारेला कहते हैं कि यदि एक महिने तक मजदूरी नहीं मिलेगी कैसे परिवार पालेंगे। यहां वहां से कर्ज लेकर काम चला रहे हैं। मंहगाई बहुत ज्यादा है। 
मजदूर ओमप्रकाश कहते हैं कि अन्य गांवों में भी मजदूरी नहीं मिल रही है। आर्थिक स्थिति बिगड गई है हर लोगों के पास कोई स्थाई बचत नहीं होती मजदूरी पर ही निर्भर होते हैं। महिनों भुगतान अटकेंगे तो हम कर्ज में आ जाएंगे। 

  • महिनों से नहीं मिल रहा, मनरेगा में काम
    जिले में 1 लाख 5 हजार जाबकार्डधारी मजदूर हैं। योजना के तहत साल में 100 दिन कार्य दिया जाता है। प्रदेश में इस समय 190 रुपए प्रतिदिन मजदूरी दर है।  
    ग्राम फूलमोगरा के मनरेगा मजदूर बाबू खा कहते हैं कि जाबकार्ड है लेकिन महिनों से मजदूरी नहीं मिली। गांव या आसपास के गांवों में काम चल भी रहे हों तो सरपंच-सचिव कभी सूचना नहीं देते। आमसभा की बैठक में भी कोई जानकारी नहीं दी जाती है। जिले की अनेका पंचायतों में मनरेगा के काम नहीं चल रहे हैं तो मशीनों से काम करने की भी शिकायतें मिल रही हैं। फिक्स मजदूरों से काम कराने की भी शिकायतें सामने आ रही हैं। 
    जल्द होगा भुगतान 
    मजदूरी सीधे मजदूरों के खातों में आती है यह राशि केन्द्र द्वारा ही प्राप्त होती है। केन्द्र से भुगतान अटका हुआ है। वर्ष 2020 में 22 लाख रोजगार मानव दिवस कार्य हुआ है। मनरेगा के तहत जल संरक्षण, पौधारोपण, तालाब सुदृढीकरण, मेढबंधान, सुदूर सडक योजना में कार्य जारी हैं। 
    हर्ष सिंह, जिला पंचायत सीईओ सीहोर

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