सीहोर..विद्याचरण शुक्ल और श्यामाचरण शुक्ल से लेकर नकुलनाथ तक मध्यप्रदेश के 8 पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्र राजनीति में आ चुके हैं। इस लिस्ट में अब एक नया नाम शामिल होने के कयास लगाए जाने लगे हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय अब राजनीति की पिच पर सधी हुई पारी खेलने की तैयारी में हैं। शिवराज भी सधे कदमों के साथ कार्तिकेय की राजनीति में एंट्री कराना चाहते हैं।
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अब बुधनी क्षेत्र की राजनैतिक विरासत कार्तिकेय को सौंपना चाहते हैं। उपचुनाव में क्रैश कोर्स कर चुके कार्तिकेय भी मजबूती के साथ कोर्स पूरा करने के लिए तैयार नजर आ रहे हैं। वे अपने पिता के परंपरागत बुधनी विधानसभा क्षेत्र में IPL की तर्ज पर प्रेम सुंदर लीग (PSL) टूर्नामेंट का आयोजन कर रहे हैं।
गौतम गंभीर करेंगे उद्घाटन, सिंधिया भी रहेंगे मौजूद
टूर्नामेंट नसरुल्लागंज के उत्कृष्ट विद्यालय ग्राउंड में 14 से 21 फरवरी तक होना है। इसमें बुधनी विधानसभा क्षेत्र की 180 ग्राम पंचायतों की बेस्ट 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं। टूर्नामेंट का उद्घाटन पूर्व क्रिकेटर और दिल्ली से BJP सांसद गौतम गंभीर करेंगे। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस दौरान मौजूद रहेंगे।
कमलनाथ ने भी बेटे को आगे बढ़ाया
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी अपने बेटे नकुलनाथ को छिंदवाड़ा से सांसद बना चुके हैं। कार्तिकेय के PSL टूर्नामेंट के लिए सभी पंचायतों में निमंत्रण कार्ड भेजे जा रहे हैं। ऐसे में इनकार नहीं किया जा सकता कि कार्तिकेय 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
180 पंचायतों में डे-नाइट मैच करा चुके हैं कार्तिकेय
कार्तिकेय इससे पहले विधानसभा की 180 ग्राम पंचायतों की टीमों का टूर्नामेंट करा चुके हैं, जिसे प्रेम सुंदर मेमोरियल नाम दिया गया था। इसमें से बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की 16 टीमें बनाई गई हैं, जो पीएसएल में खेलेंगी। सभी 180 पंचायतों की टीमों को क्रिकेट की किट वितरित करने की तैयारी हो चुकी है। उद्घाटन मैच के दौरान प्रतीकात्मक तौर पर क्रिकेट किट अतिथियों के हाथों दी जाएगी।
नसरुल्लागंज में उत्कृष्ट विद्यालय में प्रेम सुंदर क्रिकेट लीग के आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
नसरुल्लागंज में उत्कृष्ट विद्यालय में प्रेम सुंदर क्रिकेट लीग के आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
शासन की प्रदर्शनी लगेगी, यू-टयूब पर होगा प्रसारण
आयोजन की भव्यता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सभी मैचों का प्रसारण यू-टयूब चैनलों पर किया जाएगा। मैदान में राज्य शासन की प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है। यहां फूड स्टॉल, रोजगार मेला, आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संदेश देने के लिए स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई जा रही है। IPL की तर्ज पर मैदान में एलईडी लगाई जाएगी। पूरे क्षेत्र को सजाया जाएगा।
उप चुनाव में किया था प्रचार
कार्तिकेय उप चुनाव के दौरान रायसेन और सागर में BJP उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर चुके हैं। उन्होंने 2013 के विधानसभा चुनाव में बुधनी विधानसभा क्षेत्र में अपने पिता शिवराज सिंह चौहान के लिए भी प्रचार किया था। क्षेत्रीय नेताओं के मुताबिक कार्तिकेय जनता के बीच खुद को विकास के लिए काम करने वाले शख्स के तौर पर दिखाते आए हैं।
19 में से 8 मुख्यमंत्रियों के बेटे संभाल चुके हैं पिता की विरासत
वंशवाद को लेकर भले पार्टियां एक दूसरे को कठघरे में खड़ा करती हों, लेकिन हकीकत ये है कि फिल्मी सितारों के बच्चों को जैसे विरासत में फिल्में मिलती हैं, उसी तरह राजनेताओं के बच्चों को राजनीति ही सुहाती है। एमपी के सियासी इतिहास के पन्ने अगर पलटें तो पता चलता है कि यहां अब तक हुए 19 में से 8 मुख्यमंत्रियों के 10 बच्चे ना सिर्फ पिता का हाथ पकड़ राजनीति में आए बल्कि विधायक और मंत्री भी बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सूची में नाम नकुलनाथ का जुड़ा है, जो अपने सीएम पिता कमलनाथ की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए पहली बार चुनाव मैदान में उतरे और जीते।
विद्याचरण और श्यामाचरण शुक्ल: एमपी के पहले सीएम रविशंकर शुक्ल के दोनों बेटे विद्याचरण शुक्ल और श्यामाचरण शुक्ल राजनीति में आए। श्यामाचरण शुक्ल 3 बार सीएम और विद्याचरण शुक्ल केंद्रीय मंत्री बने।
हर्ष सिंह: एमपी के 6वें सीएम गोविंद नारायण सिंह के 2 बेटे हर्ष सिंह और ध्रुव नारायण राजनीति में आए। हर्ष सिंह शिवराज सरकार के तीसरे कार्यकाल में मंत्री और ध्रुवनारायण 1 बार विधायक रहे।
दीपक जोशी: एमपी के 10वें सीएम कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी शिवराज सरकार में मंत्री रहे।
ओमप्रकाश सखलेचा: एमपी के 11वें सीएम वीरेंद्र कुमार सखलेचा के बेटे ओमप्रकाश सखलेचा 4 बार विधायक रहे। अब शिवराज सरकार में मंत्री हैं।
अजय सिंह: 3 बार एमपी के सीएम बने अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह 6 बार विधायक बने। दिग्विजय सरकार में मंत्री रहे और मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष बने।
अरुण वोरा: दो बार एमपी के सीएम रहे मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा विधायक रहे।
जयवर्धन सिंह: 2 बार एमपी के सीएम रहे दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को विरासत में सियासत मिली। कमलनाथ सरकार में बने मंत्री।
नकुलनाथ: पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ की भी सियासत में एंट्री हो चुकी है। पिता की सीट छिंदवाड़ा से अब नकुलनाथ सांसद हैं।