भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश की सत्ता संभालते ही सरकारी कामों में पारदर्शिता और जनता के कामों में बिना लेन-देन के सुगमता यानी सुचिता और सुशासन पर अपनी नजर केंद्रित की हुई है। यही वजह है कि उन्होंने धीरे-धीरे कर मैदानी स्तर पर नए सिरे से प्रशासनिक जमावट कर दी है।
पिछले एक साल में करीब तीन दर्जन से ज्यादा जिलों के कलेक्टर बदले जा चुके हैं। वही अब सीएम के रडार पर मंत्रालय में बैठे प्रमुख सचिव स्तर के अफसर है। यानी अब बड़े स्तर की सर्जरी किए जाने की तैयारी है। दरअसल मंत्रालय में पदस्थ कई विभागों के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारियों में बदलाव किया जाना है। हाल फिलहाल में जो चार अधिकारी बतौर प्रमुख सचिव पदोन्नत हुए हैं उन्हें यथावत रखा जा सकता है जबकि वित्त विभाग में तीन प्रमुख सचिव पदस्थ हैं। सीएम की ।मंशानुसार मैदानी पदस्थापना के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय और मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा अधिकारियों के प्रदर्शन का लगातार आकलन किया जा रहा है। हर माह दिए जाने वाले लक्ष्य के आधार पर रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है।
इससे कलेक्टर की स्थिति का पता चल रहा है। सीएम अपने स्तर पर भी लगातार फीडबैक ले रहे हैं। इसी आधार पर जिलों में परिवर्तन किए गए हैं। कई जिलों में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक बदले जा चुके हैं तो कई जगह अभी बदले जाना शेष है।
राजस्व बढ़ाने, अवैध उत्खनन रोकने के दिए सख्त निर्देश
सीएम ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि सख्ती से अवैध उत्खनन और परिवहन रोका जाए। उन्होंने वैध रेत खनन कार्य में खनन मात्रा वृद्धि के लिए कटनी, खरगोन, रायसेन जिले की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भोपाल संभाग में की गई पहल सराहनीय है जिसके अंतर्गत चेक पोस्ट पर वैधता और ओवर लोड संबंधी चैकिंग की जाती है। रेत खनिज के परिवहन में वैध मात्रा में बढ़ोत्तरी का सबसे अच्छा कार्य रायसेन, खरगौन और शिवपुरी में जिलों में हुआ है। इसके अलावा सीहोर में भी इस कार्य में अच्छी सफलता मिली है। अकेले सीहोर जिले से दिसम्बर माह की 09 करोड़ की राजस्व प्राप्ति बढ़कर जनवरी माह में 20 करोड़ हो चुकी है। भोपाल संभाग में राजस्व प्राप्ति बढ़ रही है। वीडियो कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि रेत के बिना रायल्टी परिवहन की रोकथाम में खरगोन 92 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण कर प्रथम स्थान पर है।
राजगढ़ और उमरिया जिले 77 प्रतिशत मामलों के निराकरण के साथ दूसरे स्थान पर हैं। गौण खनिज के अवैध परिवहन पर रोकथाम की कार्यवाही में इंदौर अव्वल है, जहां निराकरण की शत-प्रतिशत कार्यवाही हुई है। इसी तरह सतना 94 प्रतिशत के साथ दूसरे और बालाघाट 79 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है। सतना जिले में केजेएस सीमेंट संयंत्र पर 36.04 करोड़ रुपए का जुमार्ना किया गया। समाधान योजना में 3.25 करोड़ रूपए की वसूली की गई। इसके साथ ही खदानों में अनियमितता पाए जाने पर 05 खदानें निरस्त की गईं। इंदौर जिले में वाहनों में क्षमता से अधिक रेत परिवहन करने के लिए वाहनों में लगाए गए अतिरिक्त पटिए को काटने का अभियान चलाया गया।
गृह विभाग ने जारी किए पदस्थापना आदेश
हाल ही में गृह विभाग ने निवाड़ी और गुना के लिए नए पुलिस अधीक्षकों की पदस्थापना के जारी कर दिए हैं। 13वी वाहिनी ग्वालियर के सेनानी आलोक कुमार को निवाड़ी का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। वहीं पीटीएस सागर के पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा को गुना का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। बता दें कि बोहरा धर्मगुरु सैयदना साहब का नाम एफआईआर में शामिल करने पर मुख्यमंत्री चौहान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही गुना पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह और नगर पुलिस अधीक्षक नेहा पच्चीसिया को हटाने का आदेश दिया था। निवाड़ी की पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह का काम संतोषजनक नहीं पाए जाने के कारण उन्हें हटाया गया था। दोनों पुलिस अधीक्षकों को पुलिस मुख्यालय में पदस्थ किया गया।
एसीएस, पीएस पर जल्द होगा निर्णय
उधर मंत्रालय में भी अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर पर परिवर्तन प्रस्तावित है। इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मुख्य सचिव से मीटिंग हो चुकी हो चुकी है और वे जल्द ही इस पर निर्णय ले सकते हैं।
चार आईपीएस के हुए तबादले
इसके अलावा गृह विभाग ने चार अन्य अफसरों के तबादला आदेश जारी किए हैं। इन अफसरों में से तीन की पदस्थापना पुलिस मुख्यालय में ही बदली गई है। आदेश के मुताबिक जीपी सिंह अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजाक को सतर्कता, राजेश गुप्ता एडीजी काउंटर इंटेलिजेंस एवं एटीएस को एडीजी अजाक, राकेश गुप्ता पुलिस महानिरीक्षक को महानिरीक्षक गुप्त वार्ता और संतोष कुमार सिंह पुलिस महानिरीक्षक एसएएफ ग्वालियर रेंज को पुलिस महानिरीक्षक गुप्त वार्ता गया है।
कमजोर प्रदर्शन और लापरवाही पर नपे अफसर
मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद हटाए गए बैतूल और नीमच कलेक्टर की जगह शासन ने नई पदस्थापना कर दी है। 2013 बैच के आईएएस अधिकारी अमनवीर सिंह बैंस को बैतूल कलेक्टर और मयंक अग्रवाल को नीमच का कलेक्टर किया है। पिछले रोज सामान्य प्रशासन विभाग ने इन दोनों ही अधिकारियों की पदस्थापना के आदेश जारी हो चुके हैं। दरअसल मुख्यमंत्री ने कलेक्टर, कमिश्नर, आईजी और पुलिस अधीक्षकों को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वह जनता के काम में जरा भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। चाहे कलेक्टर हो या एसपी सरकार की कसौटी पर जो अफसर खरा नहीं उतरेंगे उन्हें बिना बिलंब किए तत्काल हटा दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि कमजोर प्रदर्शन और लगातार शिकायतें मिलने की वजह से ही बैतूल और नीमच कलेक्टर को हटा दिया गया है। उनकी जगह सतना नगर निगम आयुक्त अमनवीर सिंह बैंस को बैतूल कलेक्टर बनाया है। वहीं नीमच का कलेक्टर मयंक अग्रवाल को बनाया गया है जो पूर्व में इंदौर के अपर कलेक्टर रहे हैं। इसके पहले 2013 बैच के प्रियंक मिश्रा को कटनी का कलेक्टर बनाया गया था। मुख्यमंत्री की कांफ्रेंस के बाद वहां के कलेक्टर एसपी सिंह को हटा दिया गया था। सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है अब सीहोर होशंगाबाद रतलाम छतरपुर बालाघाट अनूपपुर के कलेक्टर बदले जा सकते हैं