सीहोर। जिले में 124 हाइस्कूल व 108 हायर सेकंडरी स्कूल है, जिनकों हर साल 75 हजार रुपये स्कूल के रखरखाव, लैब, फर्नीचर, खेल सामग्री, डेकोरेशन आदि के लिए दिए जाते है, जिसका हर साल आडिट होता है। इसको लेकर 8, 9 व 10 फरवरी को राज्य स्तरीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत भोपाल की निजी कंपनी के चार कर्मचारियों ने कैश बुक, चेकबुक, बाउचर व पासबुक की इंट्री का सत्यापन किया। वहीं मूल दस्तावेज की जांच कर छायाप्रति जमा कर अपने साथ ले गए। इस दौरान भोपाल की निजी कंपनी से आडिट करने आए यूसुफ अली ने बताया कि प्राथमिक तौर पर 15 से अधिक स्कूलों की आडिट रिपोर्ट में वित्तिय अनियमितता सामने आई है। जबकि सभी स्कूलों का एक माह में निजी कंपनी के कर्मचारियों द्वारा सत्यापन कर कमियां सामने आने पर संबंधित स्कूल से दस्तावेज मांग जाएंगे। यदि वह नहीं मिल पाएं तो उसकी रिपोर्ट एक माह में जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी जाएगी। यदि अनियमितता सामने आई तो उन स्कूलों से पैसे की वसूली सहित अन्य कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में डीईओ एसपीएस बिसेन का कहना है कि आडिट रिपोर्ट आने के बाद ही अनियमितता की बात कर सकते हैं। अभि आडिट में क्या कमियां नजर आई इसकी मुझे जानकारी नहीं है।
बच्चों को अनुशासन सिखाने वाले शिक्षक खुद ही दिखे अनुशासनहीन
आवासीय स्कूल में शासकीय हाइ व हायर सेकंडरी स्कूलाें के शिक्षकों को आडिट के लिए बुलाया गया था, जिन्हें आडिट कराने के लिए टोकन जारी किए गए थे, लेकिन बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने वाले यही शिक्षक आडिट के समय अनुशासन को तोड़कर एक साथ अपना नंबर आने से पहले आडिटर के पास पहुंच गए, जिससे व्यवस्थाएं भंग दिखी। जैसे-तैसे शिक्षकों को समाझाइश देकर कतार में खड़ा किया गया।