खंडवा। खंडवा जिले से पुलिस ने दबिश देकर 1300 किलो नकली घी बरामद की है.जिले के छिरवेल गांव में पुलिस ने गुरुवार को दबिश देकर नकली घी बनाने का कारखाना पकड़ा.
यहां नकली घी के साथ-साथ दही, बटर,सोयाबीन तेल,डालडा घी, एसेंस और दूसरे तरल पदार्थ भी मिले।
बता दें कि यहां पर 5 सालों से इस तरह नकली घी बनाने का कारखाना संचालित किया जाता था.. एक तरफ मध्यप्रदेश सरकार जहां यह बात कहती है कि वह शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चला रहे हैं, तो वही आए दिन ऐसी बातें सामने आ रही है.
नकली घी को असली बताकर शहर में बेचती थी महिलाएं:-
इस नकली घी को शहर की कॉलोनी व मोहल्लों में गांव की महिलाएं 100% असली घी बता कर 400 से ₹600 किलो बेचा करती थी.यहां तक कि आरोपियों ने पुलिस की गिरफ्त में आ जाने के बाद यह बात कुबूल की है कि रोज 50 किलो नकली घी आसानी से बिक जाया करता था.. गांव की महिलाओं को देखकर शहर के लोगों को यह भरोसा होता था कि यह घी असली ही है.
सूचना पर पहुंची जांच टीम:-
गुरुवार सुबह सीएसपी ललित गठरे व पदम नगर थाना प्रभारी पुष्पेंद्र सिंह राठौर को यह सूचना मिली कि गांव में अमित दुलहानी निवासी पदम नगर महिलाओं के जरिए नकली घी बेचता है. यह कारोबार पिछले 5 सालों से चलता जा रहा है.
पुलिस को रास्ते में एक बस में शहर में घी बेचने वाली महिलाएं मिली. महिलाओं को साथ लेकर पुलिस ने अमित के कारखाने पर छापा मार कार्रवाई की पुलिस ने 81 टीम के पीपों से 1300 किलोग्राम की बरामद किया है.
इस मामले पर एस पी विवेक सिंह ने कहा है कि खाद औषधि विभाग के अधिकारियों ने भी सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं. अमित के पास भी बनाने व बेचने के संबंध में कोई वैद्य दस्तावेज भी नहीं मिले हैं. मामले में जांच के बाद उचित होगा तो रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी.. इस पूरे मामले पर कारखाना संचालक और 3 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया.
शिवराज के सभी वादे हो रहे हैं फेल :-
शिवराज सिंह चौहान ने जब सत्ता में वापसी की थी उस दौरान उन्होंने कहा था कि वह जनता के हित का खास ध्यान रखेंगे मध्य प्रदेश से माफिया को जड़ से खत्म किया जाएगा. इसके साथ ही शुद्ध के लिए युद्ध अभियान भी किया जा रहा है.. पर प्रदेश में माफिया भी चरम पर है और शुद्ध के लिए युद्ध अभियान की कितना सार्थक साबित हो रहा है यह बात धीरे-धीरे सामने आ रही है.जनता को सिर्फ छला जा रहा है. चाहे कांग्रेस हो या भाजपा जब चुनाव का दौर शुरू होता है तो यह नेता मंत्री बड़े-बड़े बातें करते हैं और चुनाव खत्म हो जाने के बाद इनके सारे वादे भी चुनाव के साथ ही खत्म हो जाते हैं.