भोपालः मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार 15 मार्च से समर्थन मूल्य पर फसल खरीदी की शुरूआत करने जा रही है. खास बात यह है कि इस बार चना, सरसों, मसूर और गेहूं की फसल की खरीदी एक साथ करने का फैसला सरकार ने लिया है. इस बात की जानकारी खुद प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने दी है. उनका कहना है कि एक फरवरी से फसल खरीदी के लिए पंजीयन शुरू हो जाएगा.
विपणन संघ के माध्यम से होगी चना, सरसों और मसूर की खरीदीः कृषि मंत्री
कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया कि इस बार विपणन संघ के माध्यम चना, सरसों और मसूर की खरीदी की जाएगी. दरअसल, अब तक पहले सरकार गेहूं की फसल खरीदी का काम पहले करती थी. उसके बाद दूसरी फसलों की खरीदी शुरू होती थी. लेकिन इस बार सरकार ने एक साथ सभी फसलों को खरीदने का फैसला किया है. क्योंकि गेहूं के साथ चने की फसल भी आ जाती है, इसलिए कृषि मंत्री ने कहा कि इस बार सभी फसलें साथ में ही खरीदी जाएगी. ताकि किसानों को फायदा हो सके.
1 फरवरी से शुरू हो जाएगा फसलों का पंजीयन
कमल पटेल ने बताया कि 1 फरवरी से प्रदेश के सभी जिलों में फसलों के पंजीयन का काम शुरू हो जाएगा. जबकि 15 मार्च से सभी फसलों की खरीदी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. कृषि मंत्री का कहना है कि अब तक मार्च के महीनें में केवल गेहूं की फसल खरीदी होती थी. जबकि चना, सरसों और मसूर की फसल मई-जून के महीनें में खरीदी जाती थी. लेकिन देखने में आ रहा है कि चने की फसल भी अब गेहूं के साथ ही आ जाती है. इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है कि किसानों को फसल बेचने के लिए मई-जून तक का इंतजार न करना पड़े.
कम भाव में फसल खरीदते थे व्यापारी
कृषि मंत्री ने बताया कि चना, मसूर और गेहूं की फसल का उत्पादन छोटे किसान सबसे ज्यादा करते हैं. यह फसलें मार्च-अप्रैल के महीने तक कट जाती है. लेकिन फसल की सरकारी खरीदी मई-जून में शुरू होती है. ऐसे में व्यापारी कम भाव पर चना, मसूर और गेहूं की फसल खरीद लेते थे. उन्होंने बताया कि सरकार समर्थन मूल्य पर एक क्विटंल चना 5100 रुपए की दर से खरीदती है. लेकिन व्यापारी 3600 से 4500 रुपए के बीच में एक क्विटंल चना खरीदते है. ऐसे में किसान को एक क्विटंल पर करीब एक 1 हजार रुपए का नुकसान होता था. इसलिए इस साल मार्च में ही सभी फसलों की खरीदी शुरू होने से किसानों को इस नुकसान से बचाया जाएगा. कृषि मंत्री ने कहा कि इस बार फसल अच्छी हुई है और इस मंडी में आवक भी होगी.