नीति के क्रियान्वयन के लिए CM की अध्यक्षता में 13 मंत्रियों का राज्य पोषण मिशन बनेगा
जिला स्तर पर संचालन समूह में कई समितियों को किया जाएगा शामिल
मध्य प्रदेश में नवजात से लेकर 6 महीने तक के करीब 70 हजार बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग के सर्वे में यह आंकड़ा सामने आया है। कुपोषण से लड़ने के लिए सरकार हर साल बजट बढ़ा रही है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 1495 करोड़ रुपए बजट रखा गया है। अब सरकार कुपोषण से लड़ने के लिए नई नीति पर काम करेगी। विभाग ने राज्य पोषण नीति 2020 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया, इस तरह के सर्वे आम तौर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन संस्था नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) द्वारा किए जाते हैं, लेकिन इस बार प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग ने सर्वे किया है। इसके अध्ययन के अनुसार करीब 10 लाख बच्चों पर किए गए सर्वे में सामने आया है, अधिकांश क्षेत्रों में गंभीर कुपोषण से प्रभावित बच्चे पाए गए हैं। मध्यम कुपोषण वाले बच्चों की संख्या करीब 3 लाख 50 हजार हैं। वहीं, 70 हजार गंभीर कुपोषित बच्चों में से 6 हजार को पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) में भर्ती कराया गया है। एक तिहाई से अधिक बच्चे त्वचा और हड्डी रोग से भी पीड़ित हैं।
NFHS की चौथी रिपोर्ट में 48 लाख बच्चे कुपोषित
केंद्र सरकार ने नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की 12 दिसंबर 2020 को इसकी पांचवी रिपोर्ट का पहला भाग जारी कर दिया है, जिसमें 17 राज्यों व 5 केंद्र शासित प्रदेशों के वर्ष 2019-20 के आंकड़े शामिल किए गए हैं। इसमें मध्य प्रदेश शामिल नहीं था। हालांकि बाकी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में सर्वे से जुड़ा फील्ड वर्क अब दोबारा शुरू हो चुका है। इसकी रिपोर्ट अगले 6 माह में आने की उम्मीद है। बता दें कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 की रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में 48 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं। वहीं, 9 लाख अतिकुपोषण की श्रेणी में हैं। वर्ष 2018 में आई इस रिपोर्ट के बाद भी प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ी है।
जिला स्तर पर संचालन समूह बनेंगे
इसके तहत नीति का क्रियान्वयन करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 13 मंत्रियों का राज्य पोषण मिशन बनाया जा रहा है, जबकि जिला स्तर पर संचालन समूह का गठन होगा। इसमें स्थानीय संस्थाओं नगरीय विकास एवं पंचायती राज समेत विभिन्न समितियों ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति, स्कूल प्रबंधन समिति, संयुक्त वन प्रबंधन समिति आदि को शामिल किया जाएगा।
देश के 100 कुपोषित जिलों में एमपी के 12 जिले
केंद्र सरकार ने देश के कुपोषण प्रभावित 100 जिलों को चिन्हित किया है। इसमें मध्य प्रदेश के 12 जिले बड़वानी, भिंड, भोपाल, बुरहानपुर, दतिया, खरगोन, मुरैना, शाहजहांपुर, श्योपुर, शिवपुरी, सीधी व टीकमगढ़ है।
MP में कुपोषण से मृत्यु दर 42.8%
वर्ष 2006 से 2016 के बीच 57 हजार बच्चों की मौत हुई है। कुपोषण से मृत्यु दर 42.8% है। इस हिसाब से बिहार व झारखंड के बाद मध्य प्रदेश का देश में तीसरा नंबर आता है।