सीमा विवाद: अग्रिम मोर्चे से अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाएंगे भारत और चीन, 16 घंटे की बैठक में बनी सहमति

भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच रविवार देर रात तक हुई मैराथन बैठक में दोनों देश अग्रिम इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमत हो गए हैं। सोमवार को जारी संयुक्त बयान में यह जानकारी दी गई है। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच मई से कायम गतिरोध को खत्म करने के लिए रविवार को नौवें दौर की बैठक हुई थी। यह बैठक सुबह साढ़े दस बजे से लेकर रात ढाई बजे तक तकरीबन 16 घंटे चली। उसके बाद सोमवार शाम को एक संयुक्त बयान जारी किया गया है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में सैनिकों के पीछे हटने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा हुई, लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका।

संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष एलएसी पर स्थिति को स्थिर और नियंत्रित रखने के लिए प्रभावी प्रयास जारी रखने पर सहमत हैं। दोनों पक्ष अग्रिम इलाकों से सैनिकों को जल्द पीछे हटाने पर सहमत हुए हैं। पूर्व में राजनयिक स्तर पर बनी सहमति के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी सहमति बनी है। बयान में कहा गया है कि दोनों देशों की सेनाएं मौजूदा तनाव को कायम रखने के लिए कोर कमांडर स्तर की अगली बैठक जल्द आयोजित करेंगे। दरअसल, आठवें दौर की बैठक के बाद नौवें दौर की बैठक 78 दिनों के बाद हुई थी।

बयान के मुताबिक, सैनिकों को हटाने पर दोनों पक्षों ने स्पष्ट और विचारों का गहन आदान प्रदान किया है। बयान में बैठक को सकारात्मक बताया गया है।
बैठक में भारत की तरफ से कहा गया कि तनाव कम करने के लिए टकराव वाले सभी स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाए जाए। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने किया जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने किया।

सैन्य वार्ता में भारत पूर्वी लद्दाख के सभी इलाके में अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग कर रहा है। दोनों सेनाओं के बीच यह टकराव पिछले वर्ष पांच मई को शुरु हुआ था। बता दें कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के उनके समकक्ष वांग यी के बीच पिछले वर्ष 10 सितंबर को संघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन से इतर मॉस्को में हुई बैठक के दौरान पांच बिंदुओं पर बनी सहमति को लागू करने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए इस दौर की वार्ता हुई है।

समझौते में सैनिकों को तेजी से पीछे हटाना, तनाव बढ़ सकने वाली कार्रवाइयों से बचना, सीमा प्रबंधन के सभी समझौते एवं प्रोटोकॉल का पालन करना और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखना शामिल है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page